यूनेस्को की विश्व धरोहर बनी ‘दिवाली’, खुशी में आज दिल्ली में फिर जलेगा दीप
नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े और प्रकाश के पर्व दीपावली को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने बुधवार को अपनी प्रतिनिधि सूची ऑफ द इंटैंजिबल कल्चरल हेरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी में शामिल कर लिया। इसके साथ ही भारत की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की संख्या 16 हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, “दीपावली हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश का पर्व अंधकार पर विजय और अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर का दर्जा मिलना पूरे देश के लिए गर्व की बात है।”
दिल्ली में आज फिर मनाई जाएगी दिवाली
इस खुशी को दोगुना करने के लिए दिल्ली सरकार ने बुधवार. को राजधानी में अलग से दिवाली मनाने का ऐलान किया है। दिल्ली के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि सभी सरकारी भवनों को रंग-बिरंगी लाइटों और दीयों से सजाया जाएगा। दिल्ली हाट में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जबकि लाल किले पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
मंत्री कपिल मिश्रा ने जनता से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में शामिल हों और यूनेस्को में भारत की इस ऐतिहासिक सफलता को एकजुट होकर और भव्य बनाएं।
भारत की अब 16 अमूर्त धरोहरें यूनेस्को सूची में
दीपावली से पहले भारत की 15 अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरें यूनेस्को की इस सूची में शामिल थीं, जिनमें योग, कुंभ मेला, दुर्गा पूजा, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला, छऊ नृत्य, कालबेलिया, मुदियेट्टू, नवरोज, गरबा आदि प्रमुख हैं। दीपावली के शामिल होने से यह संख्या अब 16 हो गई है।
