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DRDO की ‘MUM-T’ तकनीक ने दिखाया जलवा, अब ‘त्रिशूल युद्धाभ्यास’ में दिखेगा भारत का असली दम

 
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New Delhi : भारतीय सेनाएं पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर एक बार फिर अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करने जा रही हैं। 30 अक्टूबर से भारतीय वायुसेना, नौसेना और थल सेना मिलकर 12 दिनों का ‘त्रिशूल युद्धाभ्यास’ करने जा रही हैं। लेकिन इस युद्धाभ्यास से पहले ही वायुसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अरब सागर में एडवांस्ड मैन्ड-अनमैन्ड टीमिंग (MUM-T) तकनीक का सफल प्रदर्शन कर दुनिया को भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का अहसास करा दिया है।

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इस हाई-टेक एक्सरसाइज में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस (LCA Tejas) ने दो बिना पायलट वाले UAVs (ड्रोन) के साथ नेटवर्किंग करते हुए लक्ष्यों को सफलतापूर्वक तबाह किया। इस दौरान एक ही कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसने युद्ध के वास्तविक हालात में अपनी प्रभावशीलता साबित की।

यह एक्सरसाइज भारतीय रक्षा तकनीक के इतिहास में एक अहम मील का पत्थर मानी जा रही है। इसमें तेजस फाइटर जेट और UAVs के बीच ऑटोनोमस कम्युनिकेशन और पोजिशनिंग सिस्टम का शानदार तालमेल देखने को मिला। दोनों ने आपसी समन्वय के साथ मिशन पूरा किया और ऑटोनोमस कंट्रोल सिस्टम के जरिए दुश्मन पर सटीक वार किया।

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इस परीक्षण ने भारत की ‘मल्टी-डोमेन वारफेयर’ क्षमता को और मजबूत किया है। ‘त्रिशूल युद्धाभ्यास’ से पहले किया गया यह सफल प्रयोग पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत हर मोर्चे पर जवाब देने के लिए तैयार है।

गौरतलब है कि इससे पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेनाओं ने आतंकवादियों के ठिकानों पर करारा प्रहार किया था। अब ‘त्रिशूल युद्धाभ्यास’ और MUM-T परीक्षण के जरिए भारत यह साबित कर रहा है कि देश की तीनों सेनाएं — थल, जल और नभ किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।