अवैध वसूली से मनी लॉन्ड्रिंग तक: इंदरजीत यादव नेटवर्क पर ED का शिकंजा
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंदरजीत सिंह यादव और अपोलो ग्रीन एनर्जी से जुड़ी इकाइयों पर छापेमारी कर बड़ी नकदी, सोने-हीरे के गहने और संपत्ति दस्तावेज बरामद किए। कार्रवाई कई एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर हुई। आरोपियों पर अवैध वसूली और धमकाकर उगाही कर धन शोधन का आरोप है।
New Delhi : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में इंदरजीत सिंह यादव, उसके सहयोगियों और अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से जुड़ी संस्थाओं के ठिकानों पर व्यापक छापेमारी अभियान चलाया। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 15 से अधिक एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर शुरू की गई है। ईडी की कार्रवाई फिलहाल जारी है।
एजेंसी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इंदरजीत सिंह यादव और उसके नेटवर्क पर अवैध वसूली, जबरन लोन सेटलमेंट, धमकाने और हथियारों के बल पर उगाही जैसे आरोप हैं। बताया गया कि इन गतिविधियों से कमाए गए धन को विभिन्न माध्यमों से घुमाकर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की गई।
छापेमारी के दौरान नई दिल्ली के सर्वप्रिया विहार स्थित एक ठिकाने से पांच करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद की गई। बड़े पैमाने पर कैश मिलने के बाद रकम गिनने के लिए बैंक अधिकारियों को कैश काउंटिंग मशीनों के साथ मौके पर बुलाया गया। इसके अलावा जांच टीम को एक सूटकेस में सोने और हीरे के आभूषण मिले, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 8.80 करोड़ रुपये आंकी गई है।
ईडी ने एक बैग से चेकबुक, संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण कागजात भी जब्त किए, जिनकी कुल कीमत लगभग 35 करोड़ रुपये बताई जा रही है। एजेंसी ने बताया कि मामले से जुड़े कई पहलुओं की जांच जारी है और बुधवार, 31 दिसंबर को भी छापेमारी की कार्रवाई आगे बढ़ाई गई।
ईडी ने संकेत दिया है कि जुटाए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आगे और पूछताछ व कार्रवाई हो सकती है।
