स्विगी, जोमैटो समेत गिग वर्कर्स की देशव्यापी हड़ताल, न्यू ईयर ईव पर डिलीवरी सेवाएं प्रभावित
नई दिल्ली I देशभर के प्रमुख फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, जेप्टो, अमेजन और फ्लिपकार्ट के डिलीवरी पार्टनर्स ने आज क्रिसमस और 31 दिसंबर (न्यू ईयर ईव) को ऑल-इंडिया हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) और इंडियन फेडरेशन ऑफ एप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) के नेतृत्व में हो रही है।
यूनियनों का कहना है कि गिग इकोनॉमी में काम करने की स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं। डिलीवरी वर्कर्स को घटती कमाई, लंबे कार्य घंटे, असुरक्षित टारगेट, मनमाने तरीके से आईडी ब्लॉकिंग, नौकरी की असुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर त्योहारों और पीक सीजन में यह दबाव और बढ़ जाता है।
आज सुबह से ही कई शहरों में डिलीवरी सेवाएं प्रभावित दिखीं। गुरुग्राम और दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में क्विक कॉमर्स डिलीवरी रुकी हुई है। यूजर्स को ऑर्डर में देरी या कैंसिलेशन की शिकायतें मिल रही हैं।
वर्कर्स की मुख्य मांगें:
- 10 मिनट डिलीवरी मॉडल तुरंत वापस लिया जाए: यह मॉडल वर्कर्स की जान को खतरे में डालता है, क्योंकि तेज डिलीवरी के चक्कर में दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
- निष्पक्ष और पारदर्शी वेतन संरचना: कमाई में छिपी कटौतियां खत्म हों और वास्तविक कार्य घंटों व खर्च के अनुसार भुगतान हो।
- मनमानी आईडी ब्लॉकिंग और सजा का अंत: बिना उचित प्रक्रिया के अकाउंट ब्लॉक न किया जाए।
- बेहतर सुरक्षा उपाय: अच्छे सुरक्षा उपकरण, दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य कवरेज।
- बिना भेदभाव के सुसंगत काम: एल्गोरिदम से भेदभाव न हो और काम की गारंटी मिले।
- कार्यस्थल पर सम्मान और गरिमा: प्लेटफॉर्म और ग्राहकों से बेहतर व्यवहार।
- अनिवार्य विश्राम और फिक्स्ड वर्किंग टाइम: लंबे घंटों के बाद जरूरी ब्रेक और तय कार्य समय।
- नौकरी की सुरक्षा व सामाजिक सुरक्षा: स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना कवरेज और पेंशन जैसे लाभ।
हाल ही में लागू हुई सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत प्लेटफॉर्म्स को गिग वर्कर्स के लिए फंड में योगदान करना अनिवार्य है, लेकिन यूनियनों का कहना है कि इसका क्रियान्वयन कमजोर है।
यह हड़ताल पीक डिमांड वाले दिनों में की गई है, ताकि प्लेटफॉर्म कंपनियों पर दबाव बने। यूनियनों ने नागरिकों और समाज से समर्थन की अपील की है। आने वाले दिनों में सेवाएं कितनी प्रभावित होंगी, यह हड़ताल की भागीदारी पर निर्भर करेगा।
