Indian Army: भैरव बटालियन हुई तैनात, राजनाथ सिंह ने जैसलमेर में कमांडो से लिया परिचय
Jaisalmer : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को थार रेगिस्तान में चल रहे थार-शक्ति अभ्यास के दौरान भारतीय थलसेना की पहली भैरव बटालियन (Indian Army) के कमांडो से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी। यह जनरलों की तीन दिवसीय आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (23-25 अक्टूबर) के दौरान पेश की गई नई क्षमता का प्रदर्शन था।

सेना सूत्रों के अनुसार इस महीने के अंत तक कुल पाँच भैरव बटालियन तैनात करने की उम्मीद है और अंततः सेना में कुल 25 ऐसी बटालियन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक बटालियन में लगभग 250 कमांडो होंगे। भैरव बटालियन को विशेष प्रशिक्षण देकर आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा।

ये बटालियन मुख्यतः चीन और पाकिस्तान सीमा, जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व में तैनात की जाएंगी। भैरव बटालियन को इन्फैंट्री और स्पेशल फोर्सेज (पैरा-एसएफ) के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है — तेज़, हल्की-संरचित इकाइयां जो सीमाओं पर पेट्रोलिंग, सरप्राइज अटैक और संवेदनशील लक्ष्यों पर कार्रवाई में उपयोग की जाएँगी।
थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस वर्ष कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भैरव बटालियन के गठन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य इन्फैंट्री बटालियनों की घातक क्षमता में वृद्धि करना बताया गया। सूत्रों के अनुसार, भैरव कमांडो सीनियर इन्फैंट्री यूनिटों के साथ-साथ तोपखाना, सिग्नल और एयर डिफेंस इकाइयों के साथ समन्वयात्मक कार्य भी कर सकेंगे।

सेना ने बताया कि भैरव बटालियन लीन-एंड-थिन मॉडल पर आधारित हैं — छोटे हथियारों के साथ तेज़ गतिविशेषता रखते हुए जमीनी अभियानों में प्रभावी ठहरेंगी। पैरा-एसएफ को अब और भी अधिक विशेष मिशनों के लिए आरक्षित रखा जाएगा।

आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा पर आम परिचर्चा के अलावा इन नई इकाइयों की भूमिका, तैनाती और लॉजिस्टिक तैयारियों पर भी विचार-मंथन हुआ। रक्षा मंत्रालय के पदाधिकारियों और आर्मी कमांडरों ने सुरक्षा वातावरण के मद्देनजर इस क्षमता विस्तार को रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया है।
