Movie prime

इस्तीफे के चार महीने बाद पहली बार बोले जगदीप धनखड़- इशारों में खोला बड़ा राज

 
इस्तीफे के चार महीने बाद पहली बार बोले जगदीप धनखड़- इशारों में खोला बड़ा राज
WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

भोपाल I उप-राष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के चार महीने बाद पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पहली बार सार्वजनिक मंच से अपनी बात रखी। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य की पुस्तक ‘हम और यह विश्व’ के लोकार्पण समारोह में पहुंचे धनखड़ ने अपने संबोधन में इशारों-इशारों में इस्तीफे की वजह पर गहरी बात कह दी और RSS की जमकर तारीफ की।

इस्तीफे पर इशारों में कही बड़ी बात

मंच पर बोलते हुए जगदीप धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, “समय की कमी थी, इसलिए मेरा गला आज पूरी तरह खुल नहीं पाया। फ्लाइट छूटने की चिंता है, लेकिन मैं अपना कर्तव्य नहीं भूल सकता। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मेरा अतीत है। फिर भी, मैं अपने मन की सारी बातें यहां नहीं बोल सकता।” इन गोल-मोल लेकिन दोटूक शब्दों से उन्होंने साफ इशारा किया कि उनके इस्तीफे के पीछे कुछ ऐसी मजबूरियां थीं जिन्हें वे खुले आम नहीं कह सकते। गौरतलब है कि पिछले मानसून सत्र से ठीक पहले जगदीप धनखड़ ने अचानक उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर पूरे देश को हैरान कर दिया था।

RSS की खुली तारीफ, गलतफहमियों पर करारा प्रहार
  
अपने भाषण में धनखड़ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर खुलकर बोला। उन्होंने कहा, “आज की उथल-पुथल भरी दुनिया में सिर्फ भारत ही मार्गदर्शन कर सकता है, क्योंकि हमारे पास 6000 साल पुरानी सभ्यता और परंपराओं का अनुभव है। RSS में भारत को और मजबूत बनाने की अपार क्षमता है। देशवासियों के मन में RSS को लेकर कई गलतफहमियां हैं, झूठे आरोप लगते रहे हैं। मनमोहन वैद्य जी की यह किताब इन मिथकों को तोड़कर असली RSS का दर्शन सामने लाती है।”

नैरेटिव की राजनीति पर करारा हमला
  
धनखड़ ने मौजूदा दौर की ‘नैरेटिव’ वाली राजनीति पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “आज की पीढ़ी नैरेटिव की जिंदगी जी रही है। सामने वाले को जज करके तुरंत नैरेटिव बना लिया जाता है। नैरेटिव के चक्कर में पड़ना ठीक नहीं। एक बार फंस गए तो फिर निकलना मुश्किल हो जाता है। लोग एक बार जो सोच लेते हैं, उसे ही सत्य मान लेते हैं, फिर आप कितनी भी सफाई दे लें, कोई फर्क नहीं पड़ता।”