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बापे पूत परापत घोड़ा! तेजस्वी पर फूटा मांझी का गुस्सा, कहा- महागठबंधन के घोषणापत्र में वादे बहुत, सच्चाई शून्य

 
Jeeran
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन के घोषणा पत्र पर सियासी घमासान तेज हो गया है। एनडीए के नेताओं के बाद अब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लिया है। मांझी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान लालू-राबड़ी शासनकाल की याद दिलाते हुए महागठबंधन पर जोरदार हमला बोला।

हम मगही हैं… बापे पूत परापत घोड़ा”

मांझी ने कहा, “हम मगही हैं, मगही में कहा जाता है बापे पूत परापत घोड़ा, न कुछ तो थोड़ा-थोड़ा। मतलब साफ है कि इनके पिता और माता जी का राज हम सबने देखा है। वो दौर जंगलराज और आतंकराज का था। विकास नाम की चीज बिहार से कोसों दूर थी। पूरा राज्य डर और अव्यवस्था में कांप रहा था।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार ने उस अंधेरे दौर से बिहार को निकालकर आज विकास की राह पर आगे बढ़ाया है।

“महागठबंधन का घोषणा पत्र सिर्फ कोरा कागज”

महागठबंधन के वादों पर सवाल उठाते हुए मांझी ने कहा, “बिहार की जनता अब समझदार है। वो लालू राज को भूलने वाली नहीं। तेजस्वी यादव उसी राह पर चल रहे हैं, जिस राह पर उनके पिता चले थे। घोषणा पत्र महज एक कोरा कागज है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। इस पर अमल करने में इन्हें सालों लग जाएंगे, तब जाकर शायद कुछ हो पाए।”

“जननायक कर्पूरी ठाकुर, न कि ये लोग”

जब पत्रकारों ने पूछा कि “जननायक कौन है?”, तो मांझी ने स्पष्ट कहा, “जननायक सिर्फ कर्पूरी ठाकुर हैं। लेकिन विपक्षी दल उनके नाम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं और अति पिछड़ा वर्ग तथा पिछड़ा समाज का अपमान कर रहे हैं। इसे बिहार की जनता अच्छे से समझती है।”

“टूटा हुआ कांच फिर नहीं जुड़ता”

महागठबंधन की एकजुटता पर टिप्पणी करते हुए मांझी ने तंज कसा, “फूटा कांच कभी जुटता है? ये लोग टूटा हुआ कांच जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो नामुमकिन है।”