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जामिया कार्यक्रम में बोले रिजिजू — भारत के लोकतंत्र को कोई चुनौती नहीं दे सकता

 
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New Delhi : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे कोई अस्थिर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में कई बार आंदोलन और तख्तापलट हुए हैं, लेकिन भारत में ऐसा संभव नहीं है क्योंकि हमारा संविधान इतना मजबूत है कि हर चुनौती का समाधान उसमें निहित है। यह देश कभी तबाह नहीं हो सकता।

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रिजिजू ने लोकतंत्र में असहमति की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के सबसे सशक्त लोकतंत्रों में से एक है। सोशल मीडिया और मीडिया दोनों ही बेहद सक्रिय हैं और हर कोई खुलकर अपनी बात रख सकता है। लेकिन हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे देश को नुकसान पहुंचे या समाज में विभाजन दिखे। उन्होंने संसद में होने वाले हंगामे को लोकतंत्र की खूबसूरती बताया।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में हिंदू और मुस्लिम दो बड़े समुदाय हैं और अगर ये दोनों मिलजुलकर आगे बढ़ें, तो देश विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकता है। उन्होंने बताया कि पारसी समुदाय की घटती आबादी को देखते हुए सरकार ने ‘जियो पारसी’ कार्यक्रम शुरू किया है ताकि यह समुदाय संरक्षित रह सके।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन का उल्लेख करते हुए रिजिजू ने कहा कि भारत वर्तमान में 7% की दर से बढ़ रहा है, जबकि विश्व की औसत विकास दर 2% है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।

अपने संबोधन के अंत में रिजिजू ने कहा कि उन्हें उर्दू न सीख पाने का अफसोस है। उन्होंने कहा कि अगर मैंने उर्दू सीखी होती तो आज आप सबके बीच शेरो-शायरी भी करता। उर्दू जैसी खूबसूरत जबान दुनिया में और कोई नहीं। उन्होंने जामिया की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान हमेशा एकता और सकारात्मक सोच का प्रतीक रहा है।

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