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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बड़ा घोटाला: 96 लाख रुपये से अधिक का गबन, 1000 से ज्यादा फर्जी खातों में ट्रांसफर

 
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बड़ा घोटाला: 96 लाख रुपये से अधिक का गबन, 1000 से ज्यादा फर्जी खातों में ट्रांसफर
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बस्ती I उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि योजना के तहत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को दी जाने वाली पोषण सहायता की राशि में सेंध लगाते हुए 96 लाख रुपये से अधिक की सरकारी धनराशि 1000 से ज्यादा फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। यह घोटाला डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना?

पीएमएमवीवाई केंद्र सरकार की एक प्रमुख जनकल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत लाभार्थियों को तीन किस्तों में कुल 5000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को बेहतर बनाने के साथ-साथ मजदूरी हानि की आंशिक भरपाई भी करती है।

पूरा मामला क्या है?

प्रारंभिक जांच से सामने आया कि यह घोटाला पूरी तरह सुनियोजित था। आईसीडीएस विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी लाभार्थियों की सूची तैयार की गई और उनके बैंक खातों में राशि जमा कर दी गई। जांच में पाया गया कि एक ही आईपी एड्रेस या सिस्टम से बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्रेशन और डेटा अपलोड किए गए थे, जो किसी संगठित गिरोह की ओर इशारा करते हैं।

विभाग का मानना है कि यह किसी बड़े साइबर फ्रॉड गिरोह की साजिश हो सकती है या इसमें विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता भी शामिल है। सदर ब्लॉक में सबसे अधिक अनियमितताएं पाई गई हैं। अब तक 96 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन जांच आगे बढ़ने पर रकम और बढ़ सकती है।

जांच समिति गठित, सख्त कार्रवाई के संकेत

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। तीन वरिष्ठ अधिकारियों की यह टीम पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। समिति यह पता लगाएगी कि घोटाला किस स्तर पर हुआ, क्या यह केवल तकनीकी साइबर फ्रॉड है या इसमें आंतरिक मिलीभगत भी शामिल है।

जिला प्रशासन ने डीबीटी सिस्टम की कमियों को उजागर होने के बाद योजना के क्रियान्वयन में और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और गबन की गई राशि की वसूली भी सुनिश्चित की जाएगी।