Movie prime

भाषा विवाद में Rahul Gandhi का अमित शाह पर पलटवार, बोले- अंग्रेजी शक्ति है, गरीब बच्चों को सिखाना जरूरी

 
भाषा विवाद में Rahul Gandhi का अमित शाह पर पलटवार, बोले- अंग्रेजी शक्ति है, गरीब बच्चों को सिखाना जरूरी
WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

नई दिल्ली I कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंग्रेजी भाषा पर दिए बयान के बाद तीखा पलटवार किया है। राहुल ने कहा कि अंग्रेजी शर्मिंदगी नहीं, बल्कि सशक्तीकरण का साधन है और इसे हर बच्चे को सिखाया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस नहीं चाहते कि गरीब बच्चे अंग्रेजी सीखें, क्योंकि इससे वे सवाल पूछने और बराबरी हासिल करने में सक्षम होंगे। यह बयान शाह की उस टिप्पणी के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्मिंदगी महसूस होगी।

राहुल गांधी का बयान
Rahul Gandhi ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "अंग्रेजी बांध नहीं, पुल है। अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है। अंग्रेजी जंजीर नहीं, जंजीरें तोड़ने का औजार है। BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे, क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें।" उन्होंने आगे कहा कि आज की दुनिया में अंग्रेजी मातृभाषा जितनी ही जरूरी है, क्योंकि यह रोजगार और आत्मविश्वास का स्रोत है।

Rahul Gandhi ने जोर दिया कि भारत की हर भाषा में संस्कृति और ज्ञान है, लेकिन अंग्रेजी सीखना एक ऐसे भारत के लिए जरूरी है जो दुनिया से मुकाबला कर सके और हर बच्चे को बराबरी का मौका दे।

अमित शाह का बयान
अमित शाह ने हिंदी समेत भारतीय भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा था, "हमारी संस्कृति, इतिहास और धर्म को समझने के लिए विदेशी भाषा पर्याप्त नहीं है। अधूरी विदेशी भाषाओं से संपूर्ण भारत की कल्पना नहीं की जा सकती।" उन्होंने भारतीय भाषाओं के जरिए देश को स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ाने और दुनिया का नेतृत्व करने की बात कही।

संविधान में भाषा का प्रावधान
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है, जिनमें हिंदी, असमिया, बंगाली, तमिल, तेलुगु, उर्दू आदि शामिल हैं। संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत 1950 में हिंदी को आधिकारिक भाषा घोषित किया गया, जबकि अंग्रेजी को 15 साल तक अतिरिक्त आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने का प्रावधान था। 1963 के राजभाषा अधिनियम के तहत अंग्रेजी को हिंदी के साथ आधिकारिक भाषा के रूप में जारी रखा गया, जो 26 जनवरी 1965 से लागू हुआ। अधिनियम के अनुसार, संसद और केंद्र के आधिकारिक कार्यों में अंग्रेजी का उपयोग अनिवार्य है। साथ ही, गैर-हिंदी भाषी राज्यों के साथ संचार में भी अंग्रेजी का उपयोग होता है।

देश में भाषा विवाद
भाषा को लेकर यह विवाद तीन राज्यों में खास तौर पर चर्चा में है। Rahul Gandhi और विपक्षी नेताओं का कहना है कि अंग्रेजी को नकारना गरीब बच्चों के अवसरों को सीमित करता है, जबकि सत्तारूढ़ दल भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। यह बहस देश में भाषाई विविधता और शिक्षा नीति को लेकर नए सवाल खड़े कर रही है।