ध्वजारोहण में शंकराचार्यों को आमंत्रण नहीं: अविमुक्तेश्वरानंद बोले—शास्त्रों की अनदेखी, ऐसे आयोजन में जाना व्यर्थ
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के 191 फीट ऊंचे शिखर पर पहली बार धर्मध्वजा फहराई जाएगी। 25 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 से 12:30 बजे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बटन दबाकर मात्र 10 सेकंड में ध्वज को हवा में लहरा देंगे। गुजरात में 6 कारीगरों द्वारा 25 दिन की मेहनत से तैयार यह 11×22 फीट का त्रिस्तरीय केसरिया ध्वज सूर्यदेव, ॐ और कोविदार वृक्ष के चिह्नों से सुसज्जित है। ध्वज पूरी तरह स्वदेशी सामग्री से हाथ से बना है और विशेष पैराशूट फैब्रिक व रेशमी धागों का इस्तेमाल किया गया है।
शंकराचार्यों ने उठाए सवाल
ध्वजारोहण समारोह में चारों शंकराचार्यों को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने वाराणसी में कहा, “मैंने शास्त्रों में कहीं नहीं पढ़ा कि ध्वजारोहण किया जाता है। शिखर की प्रतिष्ठा होती है, वह अभी हुई नहीं। जब तक शिखर प्रतिष्ठा नहीं होगी, ध्वज की प्रतिष्ठा कैसे होगी? नीचे से ध्वज ऊपर चढ़ाने का भी कोई उदाहरण नहीं है। जगन्नाथपुरी में तो व्यक्ति खुद ध्वज लेकर ऊपर चढ़ता है और वहीं से फहराता है। मनमाना काम हो रहा है, इसमें हमारा शामिल होने का कोई औचित्य नहीं।”
100 बड़े दानदाताओं सहित 8000 मेहमान आमंत्रित
कार्यक्रम में 2 करोड़ से अधिक दान देने वाले 100 प्रमुख दानदाताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। लखनऊ, अयोध्या व आसपास के 25 जिलों के लोगों-किसानों को भी प्राथमिकता दी गई है। कुल करीब 8 हजार विशिष्ट मेहमान पहुंच रहे हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपील की है कि आम श्रद्धालु 25 नवंबर को अयोध्या न आएं और घर बैठकर दूरदर्शन व अन्य चैनलों पर लाइव प्रसारण देखें। इस दिन रामलला के दर्शन भी बंद रहेंगे।
भारी सुरक्षा व्यवस्था, SPG-NSG-ATS तैनात
दिल्ली ब्लास्ट के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। अब मेहमान मंदिर परिसर में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। ATS, NSG, CRPF, SPG, बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की टीमें तैनात हैं। रविवार को सेना के हेलिकॉप्टर ने हवाई सर्वेक्षण किया। 23 नवंबर रात 11 बजे से 26 नवंबर मध्यरात्रि तक ट्रक-ट्रैक्टर सहित भारी वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद है।
PM मोदी का 3 घंटे का दौरा
प्रधानमंत्री सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। सबसे पहले हनुमानगढ़ी दर्शन करेंगे, फिर रामलला के दर्शन-आरती करेंगे। उसके बाद ध्वजारोहण करेंगे। वे सप्त मंदिर परकोटा, शेषावतार मंदिर और रामायण म्यूरल्स भी देखेंगे। अंत में मंदिर निर्माण में जुटे इंजीनियरों-श्रमिकों से मुलाकात करेंगे। करीब 3 घंटे अयोध्या में रहेंगे।
शहर हुआ दुल्हन की तरह सजा, 7 स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
रामपथ पर 7 जगहों पर भव्य सांस्कृतिक मंच बनाए गए हैं। 501 बटुक ब्राह्मण स्वस्तिक वाचन करेंगे। जगह-जगह फूलों के गमले, रंग-बिरंगी झालरें और भव्य तोरणद्वार लगाए गए हैं। राम मंदिर से सटे श्रृंगेरी शंकर मठ में भी दीपोत्सव और प्रसाद वितरण होगा।
