बांग्लादेश में युवा नेता की हत्या के बाद हालात तनावपूर्ण, भारतीय मिशनों की सुरक्षा बढ़ी
Dec 21, 2025, 11:31 IST
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Dhaka/New Delhi : बांग्लादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश का माहौल तेजी से तनावपूर्ण होता जा रहा है। इस घटना से राजनीतिक उथल-पुथल के साथ-साथ सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव भी गहरा गया है। हालात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
भारतीय सहायक उच्चायोग और वीजा केंद्र की सुरक्षा कड़ी
हादी की मौत के बाद सिलहट स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय और वीजा आवेदन केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शनिवार से ही संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इनमें सहायक उच्चायोग कार्यालय, अधिकारियों का आवास और वीजा केंद्र शामिल हैं। इससे पहले ‘इंकलाब मंच’ और गणो अधिकार परिषद के समर्थकों ने यहां विरोध प्रदर्शन किया था। सिलहट के शहीद मिनार के सामने भारत विरोधी नारेबाजी भी देखने को मिली थी।
हादी की हत्या के बाद देशभर में उबाल
32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी, जो पिछले साल हुए छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे, को 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने सिर में गोली मार दी थी। गंभीर हालत में उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई। हादी की मौत के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। कई जगह हिंसक झड़पें हुईं, मीडिया संस्थानों पर हमले हुए और सड़कों पर पथराव की घटनाएं सामने आईं। चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग के आवास पर भी पथराव की सूचना है।
भारी सुरक्षा में अंतिम संस्कार, 24 घंटे का अल्टीमेटम
हादी का अंतिम संस्कार ढाका विश्वविद्यालय के पास राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के मकबरे के समीप भारी सुरक्षा के बीच किया गया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए और प्रदर्शनकारियों ने ‘भाई हादी का खून व्यर्थ नहीं जाएगा’ जैसे नारे लगाए। इस दौरान हादी की पार्टी ने अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी में ठोस प्रगति की मांग की है।
सांप्रदायिक हिंसा: हिंदू युवक की हत्या
इसी बीच मैमनसिंह जिले में सांप्रदायिक हिंसा की एक गंभीर घटना सामने आई है। 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और शव को पेड़ से लटका कर आग के हवाले कर दिया। पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने इस मामले में करीब दस लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य संदिग्ध हिरासत में हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल
इन घटनाओं के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है। अंतरिम सरकार ने हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। फिलहाल देश में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
