दिल्ली में IIT कानपुर की तकनीक से हुआ क्लाउड सीडिंग का सफल ट्रायल
New Delhi : राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने मंगलवार को क्लाउड सीडिंग (Artificial Rain) का दूसरा ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया। इस प्रक्रिया को आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों की देखरेख में सेसना एयरक्राफ्ट के जरिए अंजाम दिया गया। पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि अगले चार घंटे के भीतर दिल्ली के कुछ इलाकों में बारिश होने की संभावना है।

विमान कानपुर से उड़ा और मेरठ की ओर से दिल्ली में प्रवेश किया। ट्रायल के दायरे में खेकड़ा, बुराड़ी, नॉर्थ करोल बाग और मयूर विहार जैसे इलाके शामिल रहे। इस दौरान 8 फ्लेयर्स का उपयोग किया गया, जिनका वजन 2 से 2.5 किलोग्राम था। प्रत्येक फ्लेयर ने बादलों में रासायनिक सामग्री छोड़ी जिससे नमी का स्तर 15–20 प्रतिशत तक बढ़ गया। यह प्रक्रिया लगभग आधे घंटे तक चली और प्रत्येक फ्लेयर करीब 2–2.5 मिनट तक सक्रिय रहा।

मंत्री सिरसा ने कहा कि IMD के अनुसार हवाएँ उत्तर दिशा में बह रही हैं और बादल बाहरी दिल्ली के किसी भी हिस्से में बारिश करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि दूसरा और तीसरा ट्रायल आज ही किया जाएगा, और यदि नतीजे सकारात्मक रहे तो फरवरी तक की दीर्घकालिक योजना तैयार की जाएगी।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, यदि मौसम अनुकूल रहा तो आने वाले दिनों में हर दिन 9–10 परीक्षण उड़ानें संभव हैं। आईआईटी कानपुर का मानना है कि इस ट्रायल के बाद 15 मिनट से लेकर 4 घंटे के भीतर बारिश हो सकती है।
दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए यह कदम अहम माना जा रहा है। पहले आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर थी, जबकि अब भाजपा सरकार ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कृत्रिम वर्षा की पहल की है। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रयोग से हवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और नागरिकों को सांस लेने में राहत मिलेगी।
