VIP पूजा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: बांके बिहारी को एक मिनट का विश्राम भी नहीं!
नई दिल्ली I वृंदावन के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में VIP दर्शन और पूजा व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर आपत्ति जताई है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि मंदिर बंद होने के बाद देवता को एक मिनट का विश्राम तक नहीं दिया जाता, बल्कि मोटी रकम देने वाले अमीर लोगों के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। कोर्ट ने इसे देवता के साथ अन्याय बताया।
मामला मंदिर के सेवायतों की उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर्ड कमेटी के निर्देशों को चुनौती दी गई है। कमेटी ने आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का समय बढ़ाने का सुझाव दिया था। याचिकाकर्ताओं ने श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश, 2025 को भी चुनौती दी है। उनका कहना है कि मंदिर का प्रबंधन 1939 की एक विशेष योजना के तहत होता आ रहा है और सरकार का इसमें कोई अधिकार नहीं है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने दर्शन टाइमिंग में बदलाव का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि इससे मंदिर के अनुष्ठानों में बदलाव आएगा, जिसमें देवता का विश्राम भी शामिल है। इस पर CJI सूर्यकांत ने पूछा, "अगर दर्शन का समय बढ़ा दिया जाए तो इसमें समस्या क्या है?"
CJI ने आगे कहा कि दिन में 12 बजे मंदिर बंद होने के बाद देवता को एक मिनट के लिए भी विश्राम नहीं करने देते। उस समय सबसे ज्यादा उन्हें परेशान किया जाता है। मोटी फीस लेकर धनी लोगों के लिए स्पेशल पूजा करवाई जाती है और ऐसे लोगों को आमंत्रित किया जाता है जो मोटी रकम दे सकते हैं।"
श्याम दीवान ने स्वीकार किया कि CJI की आशंकाएं सही हैं, लेकिन यह एक अलग मुद्दा है। कोर्ट ने भगदड़ की आशंका और देहरी पूजा बंद करने जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। याचिकाकर्ताओं ने गुरु-शिष्य परंपरा वाली देहरी पूजा को जारी रखने की मांग की।
अंत में बेंच ने हाई पावर्ड कमेटी, उत्तर प्रदेश सरकार और मथुरा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर दिया। मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
