Movie prime

UP: प्रदेश में खुलेंगी प्राइवेट किसान मंडियां, इन शहरों से होगी शुरूआत

 
 UP
WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत निजी क्षेत्र की मंडियों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए नियमों को सरल बनाया जाएगा। जमीन के न्यूनतम क्षेत्रफल, प्रतिभूति राशि और परियोजना लागत में कमी करने की योजना है। साथ ही, आधारभूत सुविधाओं के विस्तार में निवेशकों को स्टांप ड्यूटी, बिजली, पेयजल जैसी कई सहूलियतें दी जा सकती हैं।

बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के मकसद से सरकार निजी मंडियों पर जोर दे रही है। वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (21वां) संशोधन नियमावली लागू की गई थी, जिसमें 17 प्रमुख नगरों में लाइसेंस शुल्क दो लाख रुपये और अन्य स्थानों पर एक लाख रुपये निर्धारित किया गया। लेकिन निवेशक आगे नहीं आए। अब कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग अन्य राज्यों की निजी मंडियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करा रहा है।

वर्तमान में बड़े शहरों के लिए निजी मंडी स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की परियोजना लागत और दो हेक्टेयर भूमि का मानक है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इतनी जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही। प्रतिभूति राशि भी अधिक होने से निवेशक हिचक रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए जमीन, प्रतिभूति और लागत के मानकों में कटौती की जाएगी। निजी मंडी में नीलामी हॉल, शेड्स, दुकानें, गोदाम, भंडारण, कैंटीन, प्रयोगशाला, पैकेजिंग, लोडिंग-अनलोडिंग स्थल, पेयजल और सड़क जैसी सुविधाएं अनिवार्य हैं। सरकार भूमि हस्तांतरण में छूट और अन्य सहायताएं देने पर विचार कर रही है। प्रदेश में फिलहाल 249 विनियमित मंडियां और 356 उपमंडियां संचालित हैं।

इन शहरों में प्रस्तावित स्थापना
  
10 करोड़ की परियोजना वाले स्थलों में आगरा, लखनऊ, कानपुर, बरेली, बाराबंकी, वाराणसी, ललितपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, लखीमपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मुरादाबाद और सहारनपुर शामिल हैं। पांच करोड़ की परियोजना जिला मुख्यालयों और अन्य स्थलों के लिए है। विभाग को उम्मीद है कि लागत कम होने और छूट मिलने से निजी निवेश बढ़ेगा।

प्रतिस्पर्धा से किसानों को फायदा
  
एफपीओ संचालक दयाशंकर सिंह ने कहा, “निजी मंडियां स्थापित होने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जो बाजार के लिए जरूरी है। किसान जहां ज्यादा लाभ और सुविधाएं मिलेंगी, वहां जाएंगे। प्रसंस्करण, शीतगृह जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। भविष्य के लिए यह अच्छा कदम है।”

प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र ने कहा, “किसानों को ज्यादा मुनाफा दिलाने के प्रयास जारी हैं। सरकारी मंडियों में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। निजी मंडियां खुलने से किसान बेहतर भाव और सुविधाओं वाली जगह चुन सकेंगे। जहां सरकारी मंडियां नहीं हैं, वहां घर के पास विपणन सुविधा मिलेगी।”