अब गांव की जमीन ढूंढना आसान- UP में हर गांव का होगा डिजिटल नक्शा
उत्तर प्रदेश सरकार गांवों की जमीनों के नक्शे को सेटेलाइट की मदद से ऑनलाइन कर रही है। हर खेत और घर को गाटा संख्या के आधार पर मैप पर टैग किया जाएगा। इससे बाउंड्री विवाद कम होंगे और लोग मोबाइल एप के जरिए अपने खेत या घर की लोकेशन आसानी से देख सकेंगे।
UP Village Land Map Online: उत्तर प्रदेश में पहली बार गांवों की जमीनों का नक्शा पूरी तरह ऑनलाइन होने जा रहा है। यह बड़ा कदम सेटेलाइट तकनीक की मदद से उठाया जा रहा है, जिससे अब कोई भी व्यक्ति सिर्फ गाटा संख्या (खेत या भूखंड नंबर) डालकर किसी घर या खेत तक आसानी से पहुंच सकेगा। राजस्व परिषद ने इस हाई-टेक प्रोजेक्ट पर औपचारिक रूप से काम शुरू कर दिया है।
यूपी में गांवों का डिजिटल नक्शा
प्रदेश में 57,694 ग्राम पंचायतें और 1 लाख से अधिक राजस्व गांव हैं। अभी तक गांवों के नक्शे लेखपालों के पास कागज़ के रूप में रखे जाते हैं। लेकिन अब सेटेलाइट इमेजिंग से एक-एक खेत और घर का डिजिटल नक्शा तैयार किया जा रहा है। शुरुआती परीक्षण में इसकी सटीकता 15 से 30 सेंटीमीटर तक देखी गई है, जो काफी भरोसेमंद मानी जा रही है।
सीमा विवाद खत्म होने की उम्मीद
अक्सर दो गांवों की सीमा को लेकर झगड़े और विवाद खड़े हो जाते हैं। नए सिस्टम के बाद हर खेत, घर और गाटा संख्या सेटेलाइट मैप पर स्पष्ट दिखेगा, जिससे झगड़े की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाएगी। नक्शे में हर जमीन का रकबा भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगा।
देश में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
कर्नाटक में इस सुविधा का आंशिक उपयोग हो रहा है, लेकिन बड़े स्तर पर इसे लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। राजस्व परिषद का कहना है कि आम जनता के उपयोग के लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें गांव का नक्शा देखना बेहद आसान हो जाएगा।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि अगले 3 से 4 महीनों में पूरा सिस्टम ऑनलाइन करने की तैयारी पूरी कर ली जाएगी।
