नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सीएचसी चोलापुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

वाराणसी। नवजात मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से गुरुवार को सीएचसी चोलापुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम संकल्प पहल के तहत आयोजित किया गया, जिसमें “सुनहरे मिनट” पर विशेष ध्यान दिया गया, जो जन्म के बाद के पहले 60 सेकंड में नवजात जीवन समर्थन और वायु प्रबंधन के महत्वपूर्ण उपायों पर केंद्रित था।

नवजात मृत्यु दर के चार प्रमुख कारणों – जन्म घुटन (बर्थ एस्फिक्सिया), कम जन्म वजन, समय पूर्व जन्म और जन्मजात विकृतियाँ में सबसे आम कारण जन्म घुटन को इस प्रशिक्षण का मुख्य विषय बनाया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और एएनएम को आपात स्थितियों में त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है।

डॉ. काले ने कहा कि सुनहरा मिनट नवजात के जीवन की रक्षा में बेहद महत्वपूर्ण होता है। जन्म घुटन जैसी स्थितियों में त्वरित और सही कदम उठाने से जीवन रक्षक परिणाम मिल सकते हैं। यह कार्यक्रम 13 दिसंबर तक चलेगा और यह कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब (सीईएल), जिला स्वास्थ्य प्रणाली और सीएचसी चोलापुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। यह नवजात मृत्यु दर को एकल अंक तक लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इस कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. अजिंक्य काले (एमबीबीएस, एमडी पीडियाट्रिक्स) और डॉ. आकांक्षा (पीडियाट्रिक्स, सीएचसी चोलापुर) कर रहे हैं। अन्य प्रमुख भागीदारों में डॉ. आर.बी. यादव (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सीएचसी चोलापुर), डॉ. प्रमोद सिंह (सीईएल), डॉ. रुपक मुखोपाध्याय (सीईएल), विवेक सिंह (सीईएल) और कैरन ड्रेटन (अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफरी प्रशिक्षक, सीईएल) शामिल हैं।

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