निर्मला सीतारमण 2025 में पेश करेंगी मोदी सरकार का दूसरा बजट, जानिए भारतीय बजट के ऐतिहासिक पहलू

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2025 को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी। इस बजट को केंद्रीय सरकार के तीसरे कार्यकाल की रूपरेखा बनाने वाला माना जा रहा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, यह बजट वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले पेश किया जाता है, जो देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाने वाले आंकड़ों का दस्तावेज होता है।

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बजट शब्द का इतिहास
‘बजट’ शब्द फ्रांसीसी शब्द ‘Bougette’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है छोटा बैग। यह शब्द लैटिन शब्द ‘बुल्गा’ से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘चमड़े का थैला’ है। प्राचीन समय में व्यापारी अपने सभी मौद्रिक दस्तावेज एक थैले में रखते थे, और बाद में यह शब्द सरकारी खाता-बही के लिए प्रयुक्त होने लगा।


देश का पहला बजट
भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था, जिसे स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था। यह बजट ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा ब्रिटिश सम्राट के सामने पेश किया गया था।


आज़ाद भारत का पहला बजट
आजाद भारत का पहला बजट 16 नवंबर 1947 को पेश किया गया था, जिसे देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। यह बजट किसी नए टैक्स की घोषणा नहीं करता था और यह भारतीय अर्थव्यवस्था की एक समीक्षा रिपोर्ट के रूप में था। इस बजट का 46% हिस्सा, जो लगभग 92.74 करोड़ रुपये था, रक्षा सेवाओं के लिए अलॉट किया गया था।


एक वैज्ञानिक और देश के बजट का कनेक्शन
कहा जाता है कि स्वतंत्र भारत के बजट की परिकल्पना भारतीय वैज्ञानिक और सांख्यिकीविद प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने की थी। उन्होंने भारत के पहले योजना आयोग के सदस्य के रूप में आर्थिक योजनाओं और सांख्यिकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके योगदान के कारण भारत सरकार हर साल 29 जून को उनके जन्मदिन पर ‘सांख्यिकी दिवस’ मनाती है।


कब पेश होने से पहले ही लीक हो गया था देश का बजट?
देश का केंद्रीय बजट वर्ष 1950 में सदन में पेश होने से पहले ही लीक हो गया था। इसके बाद बजट की छपाई का कार्य राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में शिफ्ट कर दिया गया था। 1980 के दशक से बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक स्थित सरकारी प्रेस से होने लगी।


हिंदी में बजट की शुरुआत
पहले बजट से जुड़े सारे दस्तावेज सिर्फ अंग्रेजी में ही छपते थे, लेकिन 1955-56 से इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में मुद्रित किया जाने लगा।


भारत के किन तीन प्रधानमंत्रियों ने खुद पेश किया बजट?
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने वर्ष 1958-59 का बजट पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया था। इसके अलावा, इंदिरा गांधी ने 1970-71 का बजट पेश किया, जो एक महिला द्वारा पेश किया गया पहला बजट था। राजीव गांधी ने भी 1987-88 के वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया।


सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड किसके नाम?
देश के वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने अब तक सबसे अधिक 10 बार केंद्रीय बजट पेश किया है। उनके बाद पी चिदंबरम ने 9 बार, प्रणब मुखर्जी ने 8 बार और यशवंत सिन्हा ने 8 बार बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2025 में लगातार आठवीं बार बजट पेश करेंगी।


इंदिरा गांधी के बजट को ‘ब्लैक बजट’ क्यों कहा गया?
वर्ष 1973-74 के बजट को ‘ब्लैक बजट’ कहा जाता है क्योंकि यह 550 करोड़ रुपये के घाटे का था, जो उस समय तक का सबसे बड़ा घाटा था। यह घाटा 1971 के भारत-पाक युद्ध और खराब मानसून के कारण हुआ था।


देश के बदलाव के लिए सबसे अहम बजट कब पेश हुआ?
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए 1991-92 का बजट पेश किया था। इसे भारत के आर्थिक बदलाव के लिहाज से सबसे अहम माना जाता है क्योंकि इस बजट ने भारतीय बाजार को खुला और लाइसेंस राज का अंत किया, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला।


21वीं सदी का पहला बजट किस वित्त मंत्री ने पेश किया?
वित्तीय वर्ष 2000-01 का बजट तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया, जिसे ‘मिलेनियम बजट’ के नाम से जाना जाता है। इस बजट ने भारतीय आईटी सेक्टर में क्रांति ला दी थी।


केंद्रीय बजट पेश करने का समय कब बदला गया?
पहले केंद्रीय बजट सदन में शाम 5 बजे पेश किया जाता था, क्योंकि ब्रिटेन में इस समय 11.30 बजते थे। 2001 में यशवंत सिन्हा ने इसे सुबह 11 बजे पेश करने का फैसला लिया, और मोदी सरकार ने इसे 28 फरवरी से 1 फरवरी पर शिफ्ट किया।


पेपरलेस बजट की शुरुआत कब हुई?
कोविड-19 महामारी के कारण 2021 का बजट देश का पहला ‘पेपरलेस बजट’ था, जिसे डिजिटल तरीके से स्टोर किया गया था। यह प्रक्रिया अब भी जारी है।


सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड किसके नाम?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का केंद्रीय बजट 2021 का भाषण भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था, जो 2 घंटे 40 मिनट तक चला। इससे पहले यह रिकॉर्ड दिवंगत वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास था।


‘रेल बजट’ और ‘आम बजट’ का विलय कब हुआ?
भारत में पहले ‘रेल बजट’ और ‘आम बजट’ दो अलग-अलग पेश किए जाते थे। 2016 में रेल बजट के आम बजट के साथ विलय का फैसला लिया गया। 1 फरवरी, 2017 को पहली बार संयुक्त बजट पेश किया गया।


किस वित्त मंत्री ने पेश किया ‘ड्रीम बजट’?
पी चिदंबरम ने 1997-98 के वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट को ‘ड्रीम बजट’ कहा जाता है। इस बजट में व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट टैक्स को काफी हद तक घटा दिया गया था।


‘हलवा सेरेमनी’ क्या है?
बजट की छपाई पूरी होने के बाद एक खास परंपरा होती है जिसे ‘हलवा सेरेमनी’ कहा जाता है। इसमें मीठा हलवा तैयार किया जाता है और बजट से जुड़े सभी कर्मियों के बीच वितरित किया जाता है। कोविड-19 के कारण 2020 में इस परंपरा में बदलाव किया गया था।

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