बिहार चुनाव: तेजस्वी यादव का बड़ा बयान, वक्फ़ कानून को बताया कूड़ेदान में फेंकने योग्य
Oct 26, 2025, 17:46 IST
WhatsApp Channel
Join Now
Facebook Profile
Join Now
Instagram Profile
Join Now
कटिहार I बिहार विधानसभा चुनाव के बीच विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कटिहार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ़ कानून को "कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।"
तेजस्वी ने अपने पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कभी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं किया, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा ऐसी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तंज कसते हुए कहा कि इसका असली नाम "भारत जलाओ पार्टी" होना चाहिए।
नीतीश कुमार पर तीखा हमला
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता 20 साल पुराने उनके शासन से तंग आ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अब "होश में नहीं हैं" और राज्य के हर विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है। साथ ही, कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है। तेजस्वी ने सीमांचल क्षेत्र के विकास का वादा करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने इस क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने ऐलान किया कि महागठबंधन की सरकार बनने पर सीमांचल विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। सीमांचल में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले शामिल हैं, जहां मुस्लिम आबादी की संख्या अधिक है।
एनडीए पर नकल का आरोप, पेंशन बढ़ाने का वादा
तेजस्वी ने दावा किया कि एनडीए उनकी चुनावी घोषणाओं की नकल कर रही है। उन्होंने कहा, "हमने वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने का वादा किया था, जिसके बाद नीतीश सरकार ने इसे 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया। मैं वादा करता हूं कि हमारी सरकार बनने पर पेंशन को 2000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।"
राजद एमएलसी के बयान से मचा था बवाल
इससे पहले शनिवार को राजद एमएलसी मोहम्मद कारी सोहैब ने कहा था कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वक्फ़ बिल सहित सभी विवादित बिल फाड़ दिए जाएंगे। इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया था, क्योंकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि कोई मुख्यमंत्री केंद्र के कानून को कैसे रद्द कर सकता है।
वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम पर विवाद
गौरतलब है कि वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम अप्रैल में संसद से पारित हुआ था। केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का दावा है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय, खासकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पारदर्शिता लाएगा। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह अधिनियम मुस्लिमों के अधिकारों का हनन करता है।
