Bihar Election 2025: महागठबंधन ने जारी किया घोषणापत्र, बिहार को नंबर-1 बनाने का किया वादा
Patna : छठ महापर्व के बाद बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्षी इंडिया ब्लॉक (महागठबंधन) ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसे ‘तेजस्वी का प्रण पत्र’ नाम दिया गया है। इस अवसर पर आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि घोषणापत्र सिर्फ वादों का दस्तावेज नहीं, बल्कि बिहार के विकास का खाका है।
तेजस्वी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री का चेहरा भी पहले ही घोषित कर दिया है और आज ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ जारी कर दिया। इसमें बताया गया है कि अगले पांच सालों में हम किस तरह बिहार को आगे बढ़ाएंगे।

घोषणापत्र के प्रमुख 12 बिंदु :-
- सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- सभी जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और ₹30,000 मासिक वेतन दिया जाएगा।
- संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा।
- विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाएगी।
- ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत महिलाओं को प्रति माह ₹2,500 की सहायता दी जाएगी।
- हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।
- माइक्रोफाइनेंस और सहारा इंडिया घोटाले जैसे मामलों में नियामक कानून लाया जाएगा।
- प्रतियोगिता परीक्षाओं के फॉर्म और शुल्क समाप्त किए जाएंगे, साथ ही परीक्षा केंद्र तक मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी।
- प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज और 136 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे।
- कर्मचारियों की पोस्टिंग उनके गृह जिले से 70 किमी के दायरे में की जाएगी।
- वित्त रहित कॉलेजों को “वित्त सहित” मान्यता देने का वादा।

तेजस्वी ने कहा कि हमें सिर्फ सरकार नहीं बनानी, बल्कि बिहार को बनाना है। यह सिर्फ घोषणा नहीं, बल्कि हमारे संकल्प हैं। जरूरत पड़ी तो इनको पूरा करने के लिए जान की बाजी लगा देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों ने नीतीश कुमार को सिर्फ एक पुतला बनाकर रखा है। अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि अब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे।
महागठबंधन का यह घोषणापत्र बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दे रहा है। अब सबकी नजरें भाजपा और एनडीए पर हैं कि वे कब अपना घोषणा पत्र जारी करते हैं और जनता के सामने कौन सा चेहरा पेश करते हैं।


