नई दिल्ली I कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया है, जो देशद्रोह और संविधान का अपमान है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों का डाटा साझा करने की मांग की और आरोप लगाया कि आयोग पारदर्शिता में असफल रहा है।
भागवत के बयान को बताया देशद्रोह
राहुल गांधी ने कहा, “कल मोहन भागवत ने कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है। यह देशद्रोह है। भागवत ने यह भी कहा कि संविधान और स्वतंत्रता आंदोलन अमान्य हैं। यह हर भारतीय का अपमान है।” उन्होंने कहा कि अगर किसी अन्य देश में ऐसा बयान दिया जाता, तो उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता।
केंद्र सरकार पर निशाना
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग आज सत्ता में हैं, वे तिरंगे और संविधान का सम्मान नहीं करते। उनका एजेंडा दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को दबाने का है। कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो इस मानसिकता का विरोध कर रही है।”
कांग्रेस की ऐतिहासिक विरासत
राहुल गांधी ने कांग्रेस भवन की गहराई और उसके ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह भवन हमारे कार्यकर्ताओं के खून और मेहनत से बना है। इसमें महात्मा गांधी, सरदार पटेल और नेहरू जैसे नेता शामिल हैं, जिन्होंने संविधान की सेवा की।”
आरएसएस की विचारधारा पर सवाल
राहुल गांधी ने आरएसएस की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमारे पास शिव, बुद्ध, गुरु नानक और कबीर हैं, जो समानता और भाईचारे का प्रतीक हैं। आरएसएस की विचारधारा का एक भी ऐसा प्रतीक नहीं है जो भारत में पूजनीय हो।” राहुल गांधी ने कहा, “इस भवन का उद्देश्य कांग्रेस के विचारों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। यह भवन हमारे देश की मिट्टी और हमारे नेताओं की कुर्बानी का प्रतीक है। हमें इसे बचाने और इसका प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।”