VARANASI : काशी विश्वनाथ धाम में रंगभरी एकादशी महोत्सव 2025 (Rangbhari Ekadashi Kashi ) धूमधाम से मनाया गया। यह त्रिदिवसीय उत्सव 8 मार्च से शुरू हुआ, जिसमें बाबा विश्वनाथ और मां गौरा की चल प्रतिमाओं का भव्य पूजन किया गया। मंदिर चौक पर स्थापित इन प्रतिमाओं की शास्त्रीय विधि से अर्चना हुई, जिससे श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिला।

9 मार्च को प्रातःकालीन बेला में मथुरा कृष्ण जन्मभूमि से बाबा विश्वनाथ के लिए अबीर और उपहार सामग्री भेंट की गई। साथ ही, सोनभद्र से आए वनवासी समाज के भक्तों द्वारा राजकीय फूल पलाश से निर्मित हर्बल गुलाल (Herbal Gulal) काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में अर्पित किया गया। इस पूजन में मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र और डिप्टी कलेक्टर शम्भु शरण ने विधिवत भाग लिया।

इसके बाद बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा (moving silver statue) की भव्य पालकी यात्रा निकाली गई, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी। हजारों भक्तों ने इस यात्रा में भाग लिया और पारंपरिक हल्दी उत्सव का हिस्सा बने। बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा पर हल्दी लगाने की परंपरा श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है।

इस आयोजन में मथुरा से आए भक्तों के साथ-साथ प्रसिद्ध इतिहासकार एवं लेखक विक्रम सम्पत,कृष्ण जन्मस्थली से उपहार लाने वाले श्रद्धालु एवं वनवासी समाज के भक्तों ने भी भाग लिया। इस उत्सव ने काशी की धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई।
