नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों के लिए राहत भरा कदम उठाते हुए नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की है। इस फैसले से बैंकों को 1.16 लाख करोड़ रुपये की तरलता उपलब्ध होगी।
आरबीआई के अनुसार, यह कटौती दो चरणों में लागू होगी—पहला चरण 14 दिसंबर और दूसरा 28 दिसंबर से प्रभावी होगा। इसके बाद, CRR 4% पर स्थिर हो जाएगी। वर्तमान में देश भर के बैंक जमा संग्रह के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में, आरबीआई का यह कदम बैंकों को उच्च ब्याज दर पर जमा लेने की मजबूरी से राहत देगा, जिससे उनकी लाभप्रदता में वृद्धि होगी।
बैंकों को अपने कुल जमा का एक हिस्सा कैश के रूप में या केंद्रीय बैंक के पास अनिवार्य रूप से जमा करना होता है, जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलता। वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में कर भुगतान, सरकारी व्यय और अन्य कारणों से तरलता की मांग बढ़ जाती है।
आरबीआई के इस कदम से बैंकों की लागत कम होगी, जिससे वे बेहतर दरों पर कर्ज और सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। इससे अर्थव्यवस्था में तरलता का प्रवाह सुगम होगा और वित्तीय तंत्र को मजबूती मिलेगी।
