UP : लोकसभा में अखिलेश यादव ने गिना दिए नाम, बताया SIR के दबाव में कितने BLO ने गंवाई जान
नई दिल्ली। लोकसभा के सत्र में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की मौत के गंभीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने सदन में बताया कि अब तक 10 BLO अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें आत्महत्या, हार्ट अटैक और ड्यूटी के दौरान हुए हादसे शामिल हैं। अखिलेश यादव ने 9 मृतकों की लिस्ट सदन में रखी और कहा कि यह चुनाव आयोग की काम के दबाव और कुप्रबंधन का नतीजा है।
काम का बोझ, अधिकारियों का दबाव- BLO टूट रहे हैं
अखिलेश यादव ने सदन में कहा, यूपी में SIR प्रक्रिया के दौरान 10 BLO की जान जा चुकी है। ये वे लोग हैं जो गांव-गांव जाकर मतदाता सूची का काम करते हैं। इन्हें इतना काम सौंप दिया गया कि वे मानसिक और शारीरिक तनाव से टूट गए।”
उन्होंने कुछ मामलों का उदाहरण भी दिया:
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मुरादाबाद: BLO सर्वेश सिंह ने काम के दबाव में फांसी लगा ली।
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बिजनौर: BLO शोभा रानी को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।
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देवरिया: लेखपाल आशीष ड्यूटी के दौरान अचानक बीमार पड़े और निधन हो गया।
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फतेहपुर: लेखपाल सुधीर कुमार ने शादी से एक दिन पहले फांसी लगा ली।
अखिलेश यादव ने बताया कि वह खुद सुधीर कुमार के परिवार से मिले और परिवार ने कहा कि काम का दबाव असहनीय था।
चुनाव आयोग पर सीधा प्रहार
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की तैयारियों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग दावा करता है कि सभी BLO को ट्रेनिंग दी गई है। लेकिन हकीकत यह है कि यूपी में अधिकांश BLO को कोई ट्रेनिंग नहीं मिली। कई को तो बिल्कुल भी ट्रेनिंग नहीं दी गई।”
BLO ही नहीं, उनके परिवार भी परेशान
अखिलेश यादव ने कहा कि BLO अपने परिवार के साथ मिलकर फॉर्म भरवा रहे हैं। कई महिलाएं फॉर्म नहीं भर पातीं, उनके परिवार के लोग पीछे-पीछे भाग रहे हैं कि कैसे मदद की जाए। यह काम बेहद कठिन हो गया है और परिवार तक प्रभावित हो रहा है।”
मृतक BLO के परिवारों को मदद देने की मांग
सपा अध्यक्ष ने सदन में मांग की कि—
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मृत BLO के परिवारों को कम से कम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए
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परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
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चुनाव आयोग BLO के काम को सम्मान के साथ देखे और उनके हितों की रक्षा करे
अखिलेश यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने 9 मृतकों के परिवारों को अपने स्तर पर 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है।
लोकसभा में यह मुद्दा उठने के बाद SIR अभियान की कार्यप्रणाली और BLO के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
