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मैं उसकी अमानत क्यों संभालूंगी, इसे कूड़े में फेंक दो...गोरखपुर में बच्चे को जन्म देने के बाद मां ने अपनाने से किया इंकार

 
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गोरखपुर। गोरखपुर के जिला अस्पताल में एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया, जहां एक महिला ने बेटे को जन्म देने के बाद उसे अपनाने से इनकार कर दिया। महिला का कहना था कि उसका पति उसे छोड़कर किसी दूसरी लड़की के साथ भाग गया है, ऐसे में वह बच्चे की जिम्मेदारी क्यों उठाए। यहां तक कि महिला ने नवजात को दूध पिलाने से भी मना कर दिया, जिससे अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर भी असमंजस में पड़ गए।

डॉक्टरों के अनुसार, डिलीवरी के बाद जब महिला से बच्चे को स्तनपान कराने के लिए कहा गया, तो उसने साफ इनकार कर दिया। महिला का कहना था कि उसका पति उसकी जिंदगी बर्बाद कर चुका है और वह उसकी “अमानत” क्यों संभाले। मां की यह स्थिति देखकर अस्पताल में हर तरफ चर्चा होने लगी। इस दौरान कई लोग नवजात को गोद लेने की इच्छा लेकर अस्पताल तक पहुंच गए।

चाइल्ड हेल्पलाइन को दी गई सूचना

मामला जब एसआईसी जय कुमार तक पहुंचा तो उन्होंने तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन को पूरी जानकारी दी। वहीं अस्पताल प्रशासन लगातार महिला को समझाने की कोशिश करता रहा। करीब 48 घंटे की मशक्कत के बाद, जब महिला को यह एहसास हुआ कि बच्चा सच में उससे दूर हो सकता है, तब जाकर उसका मन बदला और वह बेटे को अपने पास रखने के लिए तैयार हुई।

दरभंगा की रहने वाली है महिला

महिला मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले की रहने वाली है। उसने बताया कि उसकी शादी एक साल पहले परिवार की मर्जी से हुई थी। पति पेशे से ड्राइवर था। शादी के कुछ महीनों बाद वह उसे लेकर दिल्ली चला गया। शुरुआत में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन करीब पांच महीने पहले पति अचानक उसे छोड़कर चला गया और फोन तक उठाना बंद कर दिया।

महिला के अनुसार, एक बार पति ने फोन उठाकर साफ कह दिया कि वह अब वापस नहीं आएगा और उसे अपना रास्ता खुद देखना होगा। बाद में उसे पता चला कि पति किसी और लड़की के साथ चला गया है। उस समय वह चार महीने की गर्भवती थी। अकेलेपन और मजबूरी में उसने दिल्ली में लोगों के घर खाना बनाकर किसी तरह अपना गुजारा किया।

गोरखपुर में हुई डिलीवरी

जब डिलीवरी का समय नजदीक आया तो महिला दरभंगा जाने के लिए दिल्ली से निकली। रास्ते में ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर GRP की मदद से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने बेटे को जन्म दिया।

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को जन्म देने के बाद महिला उसे अपनाने को तैयार नहीं थी। मजबूरी में अन्य महिलाओं की मदद से नवजात को फीडिंग कराई गई। इलाज और निगरानी के बाद अब बच्चा स्वस्थ है।

डर और असहायता ने किया मजबूर

महिला का कहना था कि वह खुद किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर जीवन चला रही है, ऐसे में बच्चे का पालन-पोषण कैसे करेगी—इसी डर ने उसे यह कठोर फैसला लेने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल, काउंसलिंग और समझाइश के बाद महिला अपने बेटे को अपने पास रखने के लिए तैयार हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।