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Chhath Puja 2025 : अभी ना डुबिहे भास्कर दीनानाथ करिहे घरवा उजार हो...लाखों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

 
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वाराणसी। छठ पूजा के तीसरे दिन सोमवार को गंगा घाटों पर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। जैसे ही शाम ढली, हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा की गोद में उतर आए और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

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रंग-बिरंगे वस्त्रों में सजी महिलाएं जब टोकरी में पूजा सामग्री लेकर जल में खड़ी हुईं, तो पूरा वातावरण छठी मइया के गीतों से गूंज उठा। चारों ओर दीपों की रौशनी और श्रद्धा की आभा से गंगा का तट स्वर्ग समान प्रतीत हो रहा था।

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'अभी ना डुबिहे भास्कर दीनानाथ, करिहे घरवा उजियार हो'

उगते सूरज को तो सभी सलाम करते हैं लेकिन इसे छठी मैया की कृपा ही कहें की यहाँ न सिर्फ उत्तरायण बल्कि डूबते हुए सूरज को भी अर्घ्य देकर उसका अभिनन्दन किया जाता है। ये ना सिर्फ आस्था और विश्वास बल्कि समभाव की भावना भी दिखाता है और साथ ही ये कामना भी 'अभी ना डुबिहे भास्कर दीनानाथ करिहे घरवा उजार हो'।

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