वाराणसी। दुनिया के एकमात्र ध्रुपद मेला की शुरुआत वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में हो चुकी है, जो तीन रात लगातार चलेगा। इस बार के मेला में 80 प्रतिशत श्रोता विदेशी हैं, जो पिछले 51 वर्षों से लगातार इस मेले का हिस्सा बनते आए हैं। मेला का उद्घाटन महंत प्रोफेसर विश्रि मिश्रा के पखावज की थाप और गुंदेचा बंधुओं की गायन प्रस्तुति के साथ हुआ।
महंत प्रोफेसर मिश्रा ने कहा कि वह बनारस में संगीत की प्रस्तुति देने में संकोच करते हैं और उनकी पत्नी आभा के सहयोग से ही यह कार्यक्रम संभव हो पाया। 1975 में शुरू हुए इस मेले ने आज अंतरराष्ट्रीय पहचान बना ली है और देश-विदेश से कलाकार इसमें भाग ले रहे हैं। इस मेले के 50 वर्षों की यात्रा में तीन से चार पीढ़ियों के कलाकार अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मनोरंजन कर रहे हैं।