मिथिलेश कुमार पाण्डेय (लेखक पूर्व सहायक महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा एवं आर्थिक विश्लेषक हैं )
Tax Haven: किसी भी व्यवस्था को संचालित करने के लिए धन आवश्यक है l सरकार अपने नागरिकों के हितों की रक्षा और विकास के लिए अनेकों कार्यक्रम चलाती है जिसके लिए सरकार को धन की जरूरत होती है, और सरकार के आय में कर संग्रह महत्वपूर्ण स्थान रखता है l जहां सरकारें अधिक से अधिक कर के वसूली पर ध्यान देती हैं वहीं नागरिक कर बचाने के प्रयास में रहते हैं l सरकारें अपनी आर्थिक नीति के अनुरूप कर में छूट देने की योजनाएं लागू करती है और देश के नागरिक उन योजनाओं के माध्यम से कर में छूट प्राप्त करते हैं, जो एक सामान्य विधिमान्य प्रक्रिया है l
परंतु जब कर के मामले में नैतिकता का अभाव होने लगता है तो करापवंचन के रास्ते खोजे जाने लगते हैं और दुनिया में कही भी उपलबद्ध अवसरों की तलाश की जाती है जिससे कर से बचा जा सके l कर के मामले में सरकार और नागरिकों के बीच यह रस्साकसी पूरी दुनिया में देखी जाती है l

कुछ देश जिनके पास आर्थिक संसाधन कम होते हैं और आर्थिक विकास के लिए धन की आवश्यकता अपने आंतरिक स्रोतों से पूरा नहीं हो पता है तो वैसे देश अपने यहाँ विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न कदम उठाते हैं जिनमे कर में छूट देना एक अत्यंत प्रभावी कदम होता है l कम या शून्य कर दर लोगों को आकर्षित करता है उन देशों में निवेश करने के लिए और ऐसे देशों या क्षेत्रों को टैक्स हेवेन कहा जाता है l आइए हमलोग Tax Haven के बारे में संक्षेप में चर्चा करके इसके उपयोग और दुरुपयोग के बारे में जानने की कोशिश करते हैं l
टैक्स हेवेन (Tax Haven) क्या है ?
ऐसे देश या क्षेत्र जहां टैक्स का दर बहुत ही कम या शून्य होती है, विदेशी निवेशकों के लिए कठोर गोपनीयता कानून होते हैं, निवेश और व्यापार के नियम सरल होते है उन्हें टैक्स हेवेन के रूप में जाना जाता है l सरकारें विदेशी कंपनियों और अमीर व्यक्तियों को आकर्षित करने के लिए यह सुविधाएं देती है ताकि वे पूंजी निवेश करे l टैक्स बचना, संपत्ति छिपाना, गोपनीयता बनाए रखना और धन शोधन टैक्स हेवेन में निवेश का मुख्य उद्देश्य होता है l


Tax Haven के उदाहरण के रूप में स्विट्ज़रलैंड, Luxemberg, पनामा, सिंगापूर, हाँग काँग, आयरलैंड, बरमूडा, बाहामास, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, आइल ऑफ मैन आदि प्रमुख हैं l वैश्विक व्यापार में आसानी, वैध कर योजना, कानूनी रूप से गोपनीयता और पूंजी जोखिम टैक्स हेवेन के सकारात्मक पहलू हैं l परंतु टैक्स चोरी , भ्रष्टाचार, धनशोधन ( Money Laundering), सरकार को राजस्व हानि, पारदर्शिता में कमी इसके नकारात्मक पक्ष हैं l
सस्ते विदेशी धन प्राप्त करके टैक्स हेवेन वाले देश तो लाभ की स्थिति में रहते हैं परंतु विश्व का बहुत बड़ा हिस्सा इसके कारण नुकसान उठाता है l उदाहरण के लिए यह जानना काफी रोचक है कि British Virgin Island जो कि एक टैक्स हेवेन है की कुल आबादी 40,000 से काम है और वहाँ पर पंजीकृत कंपनियों की संख्या लगभग 4,00,000 है l इसी तरह भारत में लगभग 40% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मॉरीशस से आते हैं और वह भी टैक्स हेवेन ही है l
बहुराष्ट्रीय कंपनियां दुनिया में कहीं भी व्यापार करती है परंतु अपना टैक्स दायित्व काम करने के लिए मुख्यालय Tax Haven में रखते हैं l पूरी दुनिया में काम करने वाली अमेरिकी कंपनी जिसका वार्षिक लाभ करोड़ों डॉलर है, अपना मुख्यालय आयरलैंड में रखता है क्योंकि आयरलैंड में कॉर्पोरेट टैक्स का दर 6.25% है जबकि अमेरिका में यह लगभग 26% है l इससे इनको लाभ तो मिलता है परंतु देश की सरकार और वहाँ की जनता को स्पष्ट नुकसान होता है l इसी तरह दुनिया के अमीर व्यक्ति भी करापवंचन के लिए टैक्स हेवेन का सहारा लेते हैं l
दुनिया में तस्करी या अन्य आपराधिक कृत्यों में संलिप्त व्यक्ति भी Tax Haven की मजबूत गोपनीयता के प्रावधान के बल पर अपने धन को बचा लेते हैं l टैक्स हेवेन का दुरुपयोग ज्यादा होता रहा है जिसके कारण विश्व स्तर पर यह प्रयास किया जाता रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून और व्यवस्था बनाकर इसके दुसप्रभाव को रोक जाय l दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कुछ प्रमुख कदम निम्नलिखित हैं :
- Tax Information Exchange Agreement के जरिए देशों को एक दूसरे से टैक्स से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा करनी होती है l भारत ने स्विट्ज़रलैंड और अन्य देशों स्व TIEA साइन किया है जिससे वहाँ के भारतीय खाता धारकों की जानकारी कील रही है l
- FATF ( Financial Action Task Force) एक वैश्विक संस्था है जो Money Laundering और आतंक वित्तपोषण की निगरानी करता है कमी पाए जाने पर आवश्यक दंडात्मक कार्यवाई करता है l
- General Anti-Avoidance Rule (GAAR) के तहत किसी भी कृत्रिम या टैक्स बचाने के उद्देश्य किए गए लेन देन रद्द किया जा सकता है l भारत ने GAAR लागू किया है l
- Automatic Exchange of Information तथा Common Reporting Standard के तहत OECD ( The Organization for Economic Co- operation and Development) के 38 देशों की बैंकिंग प्रणाली को अपने विदेशी ग्राहकों की वित्तीय जानकारी प्रतिवर्ष संबंधित देशों को भेजने के लिए बाध्य करती है l
- Beneficial Ownership की पारदर्शिता होने पर कंपनियों के असली मालिक का पता चल जाता है जिससे छद्म व्यक्ति/कंपनी परदे के बाहर आ जाते हैं l दुनिया के बहुत से देशों ने देश की वित्तीय व्यवस्था से जुडने के लिए Beneficial Ownership की घोषणा को अनिवार्य बना दिया है l
- कड़े दंड और दायित्व निर्धारण : जो व्यक्ति/कंपनी टैक्स हेवेन के माध्यम से कर की चोरी कैट हैं उनके लिए कड़े दंड का प्रावधान विभिन्न देशों में किया गया है l भारत में ब्लैक मनी कानून के तहत 120% जुर्माना और 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है l
आर्थिक जरूरत ( छोटे देशों की आय का प्रमुख साधन), वैश्विक राजनीति, कोरपोर्टे दबाव, कानूनी जटिलताएं, टैक्स प्रतिस्पर्धा आदि के कारण Tax Haven का अस्तित्व सुरक्षित है l किसी भी देश का कानून उसकी भौगोलिक सीमाओं के अंदर के ही मान्य होते हैं l “कानून लिखित होते हैं और नैतिकता अलिखित” l कानून के अनुपालन में मानवीय पहलुओं का प्रतिपादन जरूरी है l मानवीय पहलुओं को नजरंदाज करके कानून अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाता है l
Tax Haven की उत्पति और अस्तित्व गैर कानूनी नहीं है फिर भी इसका समग्र प्रभाव आर्थिक न्याय और वैश्विक समानता के विरुद्ध है क्योंकि व्यक्तिगत लाभ के लिए नैतिकता को तिलांजलि दी जा रही है l नैतिकता के अभाव में कानून खोखला हो जाता है और न्याय नहीं कर पाता है l

Tax Haven बने रहे परंतु यदि अमीर व्यक्ति और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने कारोबार को नैतिकता के पैमाने के अनुपालन के साथ आगे बढ़ाएं तो शायद इसके दुसप्रभाव को रोक जा सकता है।