वाराणसी। विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी पुरानी परंपरा इस बार टूट गई है। श्रावण पूर्णिमा के बाद अन्नकूट महोत्सव के मौके पर भी महंत आवास से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की चल प्रतिमा बाहर नहीं निकाली गई। इससे मंदिर और महंत आवास के ऐतिहासिक संबंध में एक रुकावट आ गई। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास के बाहर सुबह से ही पुलिस तैनात रही। हालांकि, परंपरा को बनाए रखते हुए महंत आवास पर ही चल प्रतिमा का पूजन किया गया। पुलिस के कारण वहां दर्शन के लिए आए श्रद्धालु असहज महसूस करते नजर आए। महंत आवास पर शिव, पार्वती और गणेश की परंपरागत रूप से शृंगार और पूजा की गई। भक्तों को मंदिर के इस स्वरूप के दर्शन नहीं करने दिए गए और उन्हें कहा गया कि आयोजन नहीं हो रहा है। महंत परिवार ने इस पर कड़ा विरोध जताया है।
पंडित वाचस्पति तिवारी ने बताया कि जिस मुकदमे के आधार पर प्रशासन ने यह कदम उठाया है, वह मुकदमा मंदिर प्रशासन का ही परिणाम है। उनका सवाल है कि अगर ऐसा ही था तो पहले परंपरा क्यों नहीं रोकी गई?
अधिकारी का बयान
एसडीएम और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अधिकारी शंभू शरण का कहना है कि महंत परिवार की प्रतिमा का मामला हाईकोर्ट में लंबित है और इसी कारण मंदिर प्रशासन किसी को अनुमति नहीं दे सकता है। यह मामला अदालत के निर्णय पर निर्भर है, जो निर्णय आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
माता अन्नपूर्णा को अर्पित हुआ 521 क्विंटल अन्नकूट का भोग
माता अन्नपूर्णा मंदिर में अन्नकूट महापर्व के अवसर पर 521 क्विंटल अन्नकूट भोग का आयोजन किया गया। मंदिर प्रांगण में अन्नपूर्णा स्तोत्र के गूंज के बीच भक्तों ने माता की रसोई का प्रसाद ग्रहण किया। दोपहर 1 बजे माता अन्नपूर्णा की विशेष आरती कर भोग चढ़ाया गया। इस आरती में 11 ब्राह्मण, 51 डमरू दल और भक्तों ने जयकारे लगाए।
अन्नकूट के भोग के बाद माता के स्वर्णमयी गर्भगृह में आरती की गई, जिसमें महंत शंकर पुरी ने भक्तों को अपने हाथों से प्रसाद दिया। मंदिर के प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि पांच दिवसीय उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन किए।
14 क्विंटल मिष्ठान्न से श्री काशी विश्वनाथ का भव्य शृंगार
अन्नकूट महोत्सव पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भगवान शिव का 14 क्विंटल मिष्ठान्न से शृंगार किया गया। पंचबदन रजत चल प्रतिमा की भव्य आरती मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने की। इसके बाद पीएसी बैंड के धुनों और डमरू की ध्वनि के बीच शोभायात्रा निकाली गई।
मणि मंदिर में सजी “घर की रसोई”
धर्मसंघ स्थित मणि मंदिर में घर की रसोई से बनाए गए पकवानों का भोग ठाकुर जी को अर्पित किया गया। सुबह 6 बजे से भक्त अपने हाथों से बनाए पकवान लाने लगे, और करीब पांच हजार से अधिक भक्तों ने इस अनुष्ठान में भाग लिया।
विशालाक्षी मंदिर समेत कई मंदिरों में अन्नकूट उत्सव
शहर के कई मंदिरों में अन्नकूट की झांकी सजाई गई। विशालाक्षी माता मंदिर, बड़ा गणेश, दुर्गा मंदिर, राम जानकी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों ने भव्य शृंगार और अन्नकूट झांकी का आनंद लिया।