Turkey Pakistan Boycott Protest : वाराणसी में नागरिकों ने तुर्की-पाकिस्तान की निकाली प्रतीकात्मक शव यात्रा, किया पूर्ण बहिष्कार का ऐलान

Turkey Pakistan Boycott Protest : तुर्की और पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये के खिलाफ देश के नागरिकों में जबरदस्त आक्रोश (Turkey Pakistan Boycott Protest) देखने को मिला। वाराणसी में विशाल भारत संस्थान के नेतृत्व में लमही स्थित नेताजी सुभाष मंदिर से दोनों देशों के प्रतीकात्मक शवों की शव यात्रा निकाली गई। इस प्रदर्शन के जरिए नागरिकों ने इन देशों से हर प्रकार के सामाजिक, आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को खत्म करने का संकल्प लिया।

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गौरतलब है कि जब तुर्किये में भूकंप आया था, तब भारत सरकार ने मानवता दिखाते हुए राशन और दवाएं भेजी थीं। लेकिन हाल ही में यह सामने आया कि तुर्की ने पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत में ड्रोन के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का प्रयास किया।

शव यात्रा में शामिल मुस्लिम समाज के लोगों ने भी खुलकर इस कृत्य की आलोचना की। अफसर बाबा, नौशाद दूबे, शहाबुद्दीन तिवारी और लियाकत अली जैसे नामचीन लोगों ने हाथ में हड़िया (अस्थि कलश) लेकर पाकिस्तान और तुर्की के प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार (Turkey Pakistan Boycott Protest) का हिस्सा बने।

इस मौके पर विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा, “जिस तुर्की के लोगों की जान बचाने के लिए हमने मदद भेजी, वही तुर्की पाकिस्तान से मिलकर भारत को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहा है। अब वक्त आ गया है कि ऐसे आतंक समर्थक देशों का पूर्ण बहिष्कार किया जाए।”

जौनपुर जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दूबे ने कहा, “तुर्की और पाकिस्तान दोनों धोखेबाज हैं। अब नागरिकों ने इनके खिलाफ निर्णायक कदम उठाया है।”

डॉ. नजमा परवीन ने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान का दाना-पानी बंद होगा और तुर्की (Turkey Pakistan Boycott Protest) को भी जवाब मिलेगा।

इस विरोध प्रदर्शन में डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, अफरोज अहमद, समीर खान, शहाबुद्दीन, मो. आसिफ, पूनम, मैना, सुनीता, मयंक श्रीवास्तव, इली, उजाला, दक्षिता समेत बड़ी संख्या में नागरिकों की भागीदारी रही।

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