लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव से कांग्रेस दूर रहने का विचार कर रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा केवल दो सीटों का ऑफर दिए जाने से कांग्रेस में नाराजगी है और पार्टी इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि वह उपचुनाव में किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार न उतारे।
सूत्रों का कहना है कि सपा के इस कदम से कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन में खटास आ गई है। सपा ने हाल ही में 6 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी, जिससे कांग्रेस असंतुष्ट है। सपा द्वारा बिना चर्चा किए उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा के बाद यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी नाराजगी जताई थी। पांडेय ने कहा था, यह एकतरफा ऐलान है और इस पर हमसे चर्चा नहीं की गई। हालांकि, कांग्रेस के अंदर इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ नेता सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने के पक्ष में हैं, जबकि अधिक संभावना यही है कि पार्टी उपचुनाव से दूरी बना लेगी। इस मामले में सोमवार को आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि पार्टी अभी भी 5 सीटों पर चर्चा कर रही है और अंतिम निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। अजय राय के बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस फिलहाल चुनावी मैदान में उतरने पर विचार कर रही है, लेकिन सपा के साथ मतभेद के कारण अंतिम फैसला अभी पेंडिंग है।
सीट बंटवारे पर नाराजगी
यूपी में 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस को खैर और गाजियाबाद सीटों का ऑफर दिया गया था। हालांकि, सपा ने अब तक 7 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, जिससे कांग्रेस नाराज है। कांग्रेस ने 5 सीटों की मांग की थी, जिन पर 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी, लेकिन सपा ने इनमें से अधिकांश सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं।

हरियाणा चुनाव का असर यूपी में
सपा की नाराजगी का एक कारण हरियाणा चुनाव भी बताया जा रहा है। सपा नेताओं का कहना है कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें प्रचार के लिए तवज्जो नहीं दी। इस मुद्दे पर सपा के कई नेताओं ने अपनी असंतुष्टि जाहिर की है। सपा का कहना है कि अगर कांग्रेस ने अखिलेश यादव को हरियाणा में प्रचार के लिए बुलाया होता, तो गठबंधन को और मजबूती मिल सकती थी।
महाराष्ट्र में भी सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर विवाद जारी है, जहां सपा 12 सीटों की मांग कर रही है और कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भी कर चुकी है। अब यह देखना होगा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के उपचुनावों में कांग्रेस और सपा का गठबंधन किस दिशा में जाता है।