Lucknow : उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना (UP MNREGA Scheme) के तहत बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग और पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण तेजी से हो रहा है। यह पहल राज्य में कुपोषण को खत्म करने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और ग्रामीण स्तर पर बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। योगी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में प्रदेश के ढांचागत विकास पर विशेष जोर दिया गया है, जिसमें मजबूत आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण शामिल है। ये केंद्र बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और पोषण सुनिश्चित करने के साथ-साथ महिलाओं को सशक्त बनाने में भी योगदान दे रहे हैं।
ग्राम्य विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018-19 से अब तक मनरेगा योजना के तहत 19,000 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक 3,020 केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 9,448 केंद्र अभी निर्माणाधीन हैं। इन केंद्रों के जरिए न केवल बच्चों के पोषण और शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा रही है।

सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी केंद्र नेशनल हाईवे के किनारे न बने, ताकि बच्चों की सुरक्षा बनी रहे। इसके अलावा, पर्यावरणीय और संरचनात्मक मानकों का पालन करते हुए केंद्रों में बच्चों के खेलने की सुविधाएं, शौचालय और स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन केंद्रों को एक समग्र विकास केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सरकार ने इस योजना के तहत अब तक 12,865.58 लाख रुपये खर्च किए हैं, जिससे निर्माण कार्यों में तेजी आई है। यह निवेश भविष्य में लाखों बच्चों और माताओं के जीवन को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा। मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत ग्राम पंचायतों में पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं। योगी सरकार की मंशा है कि हर ग्राम पंचायत में एक आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र हो, जो कुपोषण और अशिक्षा को जड़ से खत्म करे।

ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department)के एक अधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों का विस्तार सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण (rural empowerment) की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये केंद्र बच्चों की पोषण और शिक्षा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ महिलाओं को स्वरोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास के इस मॉडल को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह योजना न केवल बच्चों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।