UP में बदले जाएंगे 11.32 लाख पुराने 2G स्मार्ट मीटर, मार्च 2027 तक लगेंगे नए 4G प्रीपेड मीटर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में ईईएसएल द्वारा लगाए गए 2G तकनीक वाले करीब 11.32 लाख स्मार्ट मीटरों को पूरी तरह बदलने का फैसला लिया गया है। इनकी जगह रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यह काम मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा।
वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (EESL) के साथ मिलकर प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का करार किया था। यह परियोजना 8 साल के लिए थी और पूरी तरह 2G तकनीक पर आधारित थी। शुरू से ही इन मीटरों की तकनीक पर सवाल उठते रहे थे। उपभोक्ताओं और विशेषज्ञों ने इन्हें 4G में अपग्रेड करने की मांग की, लेकिन उस समय कोई सुनवाई नहीं हुई। अब पॉवर कॉर्पोरेशन ने निर्णय लिया है कि ईईएसएल द्वारा लगाए गए कुल 12 लाख मीटरों में से अभी सक्रिय 11,32,506 मीटरों को हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
959 करोड़ रुपए बर्बाद, उच्च स्तरीय जांच हो
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस पूरे मामले को बड़ी वित्तीय बर्बादी करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब 2G मीटर लगाए जा रहे थे, तभी परिषद ने इसका विरोध किया था। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने भी इन मीटरों को 4G में बदलने का स्पष्ट निर्देश दिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ।
वर्मा ने बताया कि इन मीटरों के रख-रखाव और सर्विस के नाम पर पॉवर कॉर्पोरेशन हर साल ईईएसएल को 137 करोड़ रुपए का भुगतान करता रहा है। सात साल में यह राशि लगभग 959 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है, जबकि परिणाम लगभग शून्य रहा।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अगस्त 2020 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अचानक 1.58 लाख स्मार्ट मीटर एक साथ बंद हो गए थे। इसकी एसटीएफ जांच भी हुई, लेकिन आज तक किसी आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वर्मा ने मांग की है कि 2G स्मार्ट मीटर परियोजना की पूरी विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। गौरतलब है कि वर्तमान में RDSS स्कीम के तहत जो नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग रहे हैं, उन्हें इंटेली स्मार्ट कंपनी लगा रही है, जिसकी पैतृक कंपनी ईईएसएल ही है।
