वाराणसी-गोरखपुर के बीच दौड़ेंगी हाइड्रोजन ट्रेनें और बसें
वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2024 के तहत वाराणसी स्थित आईआईटी (BHU) और गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) को संयुक्त रूप से “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ग्रीन हाइड्रोजन” घोषित करने को मंजूरी दे दी।
इस नीति के पहले चरण में वाराणसी और गोरखपुर के बीच देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन शुरू की जाएगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली बसों का संचालन करेगा। पूरे प्रोजेक्ट का नेतृत्व आईआईटी (बीएचयू) करेगा, जो तकनीकी सहयोग, संचालन और मेजबानी की जिम्मेदारी भी निभाएगा।
यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नव एवं अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) ने दोनों संस्थानों में संयुक्त रूप से ग्रीन हाइड्रोजन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की स्वीकृति दी है। इस सेंटर के माध्यम से हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, संचालन दक्षता और औद्योगिक उपयोग से जुड़े अनुसंधान व क्षमता निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
IIT (BHU) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपीनेडा और राज्य सरकार का आभार जताते हुए कहा, “यह विश्वास हमें स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान करने की नई ताकत देगा।”
वाराणसी बनेगा प्रमुख अंतर्देशीय जलमार्ग हब
दूसरी ओर, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी.के. विजय कुमार ने बुधवार को वाराणसी कमिश्नरी सभागार में अंतर्देशीय जल परिवहन से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने गुरुवार को होने वाले हाइड्रोजन टैक्सी के उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारियों पर भी चर्चा की।
सचिव ने कहा कि वाराणसी को देश के प्रमुख अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन हब के रूप में विकसित करने की योजना है और इसके लिए सभी संबंधित एजेंसियों में प्रभावी समन्वय जरूरी है। बैठक में मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, आईडब्ल्यूएआई के वरिष्ठ अधिकारी सहित कई लोग मौजूद रहे।
