कोडीनयुक्त कफ सिरप पर बड़ा एक्शन: यूपी में पैरेलल सप्लाई चेन ध्वस्त, 52 जिलों में छापेमारी ,161 फर्मों पर FIR
Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कोडीनयुक्त कफ सिरप और एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध भंडारण व सप्लाई के खिलाफ प्रदेश-व्यापी अभियान चलाया है। कार्रवाई के दौरान 52 जिलों में सघन जांच की गई, जिसमें 36 जिलों में अवैध डायवर्जन का खुलासा हुआ। 161 फर्मों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 700 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध आपूर्ति जांच के दायरे में आई है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, कफ सिरप का गैर-चिकित्सीय उपयोग सिद्ध हुआ है। एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है। पुलिस और एसटीएफ ने अब तक 79 मुकदमे दर्ज करते हुए 85 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला एसआईटी के पास जांच में है।
कई राज्यों में जांच, सप्लाई नेटवर्क का खुलासा
एफएसडीए ने कार्रवाई से पहले झारखंड, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड में जांच की और सुपर-स्टॉकिस्ट तथा होलसेलर के कारोबारी संबंधों के साक्ष्य जुटाए। जांच में पता चला कि कोडीन सिरप की पैरेलल सप्लाई चेन बनाई गई थी, जिसके तहत दवाओं की बिलिंग दिल्ली-रांची के स्टॉकिस्ट के नाम पर दिखाई गई, जबकि वास्तविक सप्लाई का सत्यापन नहीं मिला। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों को सही ठहराते हुए 22 मामलों में आरोपियों की याचिकाएं खारिज की हैं।
332 थोक प्रतिष्ठानों की जांच, बड़े पैमाने पर अनियमितताएं
पिछले तीन माह में 52 जिलों के 332 थोक औषधि प्रतिष्ठानों की जांच की गई। कई फर्में विक्रय बिल प्रस्तुत नहीं कर सकीं, जबकि कई मामलों में केवल कागजी विक्रय दिखाया गया।
जांच में सामने आया कि वर्ष 2024-25 में सिरप की आपूर्ति चिकित्सीय जरूरत से कई गुना अधिक थी —
- फेन्सिडिल — 2.23 करोड़ बोतलें
- एस्कॉफ — 73 लाख बोतलें
- अन्य कंपनियां — 25 लाख बोतलें
इनका चिकित्सीय उपयोग साबित नहीं हो सका।

पूरा नेक्सस बेनकाब — एफएसडीए ने जोड़ी सप्लाई चेन की कड़ियां
- टीमों ने निर्माता कंपनियों, स्टॉकिस्ट और वितरकों के रिकॉर्ड खंगाले।
- केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो से कोटा और उठान के विवरण भी जुटाए गए।
- तथ्यों के आधार पर पूरी समानांतर सप्लाई चेन का खुलासा हुआ।
लाइसेंसिंग सिस्टम और सख्त होगा
एफएसडीए ने सरकार को नए नियम प्रस्तावित किए हैं —
- थोक प्रतिष्ठानों की जीओ-टैगिंग
- स्टोरेज क्षमता का फिजिकल वेरिफिकेशन
- टेक्निकल पर्सन के अनुभव का सत्यापन
- कोडीन सिरप सप्लाई पर केंद्र स्तर से मॉनिटरिंग गाइडलाइन

एसआईटी रिपोर्ट अगले माह सरकार को सौंपी जा सकती है। संदिग्ध संपत्तियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू है।
