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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: 22 जनवरी को हुई थी, लेकिन दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को क्यों मनाई जाएगी? जानिए असली वजह

 
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: 22 जनवरी को हुई थी, लेकिन दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को क्यों मनाई जाएगी? जानिए असली वजह
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अयोध्या I अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर 2025 को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित सात उप-मंदिरों के शिखर पर ध्वज फहराए जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसकी घोषणा की है। मुख्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो सकते हैं।

क्यों बदलती है प्रतिष्ठा द्वादशी की तिथि?

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में हुई थी। हिंदू परंपरा के अनुसार, यह वर्षगांठ हर साल इसी तिथि पर मनाई जाती है, न कि अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख पर। पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि हर साल बदलती रहती है। 
- पहली वर्षगांठ: 11 जनवरी 2025 को मनाई गई।
- दूसरी वर्षगांठ: 31 दिसंबर 2025 को पड़ रही है।
इस कारण तिथि में बदलाव होता है, जो लोगों के बीच कन्फ्यूजन का कारण बनता है। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि यह परंपरा संतों के परामर्श से तय की गई है।

राम दरबार और अन्य प्रतिष्ठाएं
- 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार (भगवान राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी) की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
- इसके साथ ही परकोटे में स्थित छह अन्य मंदिरों (शिव, सूर्य, गणेश, भगवती, अन्नपूर्णा और हनुमान) तथा शेषावतार मंदिर की भी प्रतिष्ठा संपन्न हुई।
- मुख्य मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। अब उप-मंदिरों पर ध्वजारोहण प्रतिष्ठा द्वादशी पर होगा।

कार्यक्रम की तैयारियां

ट्रस्ट के अनुसार, ध्वजारोहण के लिए ध्वजों की डिजाइन तैयार हो चुकी है। धार्मिक अनुष्ठान 27 दिसंबर से शुरू होंगे, जिसमें ध्वज पूजा शामिल है। यह उत्सव राम भक्तों के लिए आस्था और एकता का प्रतीक बनेगा।