Varanasi : दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न, बरसात से पहले जन-जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश

Varanasi : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की समीक्षा बैठक सर्किट हाउस सभागार में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता समिति के सभापति अवनीश कुमार सिंह द्वारा की गयी। समिति सदस्य अंगद कुमार सिंह और पद्म सेन चौधरी, अरुण पाठक भी बैठक में शामिल हुए।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now
Varanasi : दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न, बरसात से पहले जन-जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश Varanasi : दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न, बरसात से पहले जन-जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश

समिति द्वारा पार्षद गण, प्रधान समूहों तथा एनडीआरएफ कर्मियों, राहत मित्रों के बीच आपदा प्रबंधन के बचाव हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें समिति के अध्यक्ष द्वारा कहा गया की आपदा के दौरान हमारा प्रथम प्रयास हो की कम से कम लोग इसके चपेट में आयें। बारिश से पहले सभी संबंधित विभाग लोगों के बीच जाकर जागरूकता हेतु कार्यशाला जरूर आयोजित करें। जिला प्रशासन समय-समय पर इसके जागरूकता हेतु पुस्तिकाएं उपलब्ध कराता रहे।

Varanasi : दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न, बरसात से पहले जन-जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश Varanasi : दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न, बरसात से पहले जन-जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश

आपदा के बाद कैसे तात्कालिक उपाय से चीजों को पुनः स्थापित किया जाये। हमारा प्रयास होना चाहिये की किस प्रकार हम ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करें की जिससे लंबे समय तक हम आपदाओं से लोगों को बचा सकें। 24 घंटे के अंदर आपदा पीड़ित को मदद सुनिश्चित हो इसमें अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों के भी उचित सहयोग की अपेक्षा है। आपदा मित्र अपने कार्यों को लेकर तत्पर रहें।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वज्रपात से होने वाली मृत्यु, दुर्घटना के तरफ भी ध्यान आकर्षित किया जिसमें उन्होंने बताया कि अधिकतर ऐसी दुर्घटना खेतों में होने की संभावना ज्यादे होती है। उन्होंने बताया की ऐसे दरम्यान पेड़ के नीचे न जाएं, मोबाइल का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित करें, बिजलीके पोल के पास न खड़े हों, खुले खेत में बैठें, लेटे नहीं। चार पहिया के अंदर स्थित होने पर आप शीशे बंद करके कोई मेटल को नहीं छुएं। उन्होंने बताया कि घरों के अंदर भी इलेक्ट्रिक वस्तुओं का प्रयोग न करते हुए, दरवाजे खिड़कियों को बंद रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन की पानी टंकियों, पंचायत भवनों इत्यादि पर इलेक्ट्रिक अरेस्टर लगाये जा रहे हैं।

एडीएम एफ आर वंदिता श्रीवास्तव द्वारा राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन चक्र को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमें उन्होंने आपदा से लड़ने को हमे हमेशा तैयार रहना होगा की किस प्रकार हम आपदा को रोक सकते हैं। आपदा के बाद पुनः हमें कैसे पुनर्प्राप्ति करना है इस संबंध में भी उन्होंने बताया। बताया गया सरकार द्वारा आपदा से किसी की मृत्यु पर चार लाख राशि दुर्घटना स्वरूप दी जाती है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी संदीप चौधरी द्वारा सर्पदंश से बचाव के उपायों को बताते हुए कहा गया कि सर्पदंश के बाद साबुन पानी से धुले, पीड़ित को शांत रखें, नजदीकी अस्पताल में ले जाएं तथा कोई घरेलू नुस्खे न अपनाएं। उन्होंने बताया की सभी सरकारी चिकित्सालयों में एंटी-स्नेक विनम उपलब्ध है।

एनडीआरएफ कमांडेंट ने टीम द्वारा आपदा के दौरान अपनाये जाने वाले राहत-बचाव कार्यों को बताया गया। उन्होंने दामिनी तथा सचेत ऐप के बारे में भी बताया की किस प्रकार 40 किलोमीटर के दायरे में होने वाले आपदा की घटनाओं से हम सतर्कता अपना सकते हैं। एनडीआरएफ द्वारा समिति के समक्ष सीपीआर तकनीक का प्रेजेंटेशन भी दिया गया।

समिति ने सर्पदंश से होने वाली मौतों की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया। सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। सर्पदंश से मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम और तत्काल आपदा राहत मुआवजा देने के निर्देश दिए। तहसील, विकास खंड और स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश से बचाव की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। तालाबों में डूबने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।

समिति ने आकाशीय बिजली और डूबने से प्रभावित लोगों की तहसीलवार जानकारी मांगी। अधिकारियों से जल भराव, रैन बसेरा और शीत ऋतु में अलाव की व्यवस्था की रिपोर्ट ली गई। वन विभाग से संरक्षित और रोपित पौधों की स्थिति की जानकारी ली गयी तथा पूर्व में रोपित पौधों को बचाने के सभी सक्षम प्रयास करने के निर्देश दिये ताकि ट्री कैनोपी बढ़ाया जा सके। वन क्षेत्र बढ़ाने पर लगातार कार्य होना चाहिए।

सभापति द्वारा समिति के समक्ष प्रस्तुत जनहानि आँकड़ों में गड़बड़ी पाये जाने पर जिलाधिकारी को इसे स्वयं देखने हेतु निर्देशित किया ताकि आगे से सही आंकडों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। जिलाधिकारी को नगर निगम द्वारा सिल्ट सफाई के प्रस्तुत पुराने आकड़ों को क्रास चेक कराकर उसके सत्यापन हेतु निर्देशित किया। बरसात से पहले सभी नालों की सफाई कराना सुनिश्चित करें। सीवरेज कार्यों में लगे सभी का बीमा कवर होना सुनिश्चित करें।

सदस्य द्वारा जिले के इण्टर कॉलेजों में शिक्षकों के बीच आपदा ट्रेनिंग देने को कहा ताकि राहत बचाव हेतु सभी को जागरूक किया जा सके। साप्ताहिक रूप से बच्चों के बीच एक छोटे सेशन से सभी आपदाओं से बचाव हेतु जानकारियां जरूर देने को कहा। संचारी रोग से संबंधित सभी विभागों की संयुक्त बैठकें ग्रामवार आयोजित करने के निर्देश दिए। योग को बढ़ावा देने हेतु आयुष विभाग को लगातार शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिये। होमगार्डों को आपदा की ट्रेनिंग देने हेतु निर्देशित किया गया।

सभापति ने विकास प्राधिकरण से सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बाध्यकारी करने को निर्देशित किया। ज्वलनशील फैक्टरियों में किसी भी आपात से निपटने हेतु सभी संभव प्रयास करने को निर्देश दिया। सभापति ने कहा कि पुराने कुओं को पुनर्जीवित किया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आपदा से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत दी जाए।

बैठक के अंत में जिलाधिकारी द्वारा समिति को धन्यवाद देते हुए समिति के निर्देशों पर कार्य योजना बनाकर कार्य उसके उचित क्रियान्वयन हेतु समिति को आश्वासित किया गया।

बैठक में अपर पुलिस आयुक्त वाराणसी कमिश्नरेट डॉ एस चिनप्पा, डीएफओ वाराणसी स्वाति सिंह, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, सचिव विकास प्राधिकरण समेत कृषि, शिक्षा, सिंचाई, अग्निशमन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *