Varanasi : विकास प्राधिकरण सभागार(VDA) में गुरुवार को अपर सचिव एवं आईजीआरएस (Public Grievance Redressal System) के प्रभारी अधिकारी परमानंद यादव की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित संदर्भों के समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर विशेष ज़ोर दिया गया।

बैठक के दौरान संपत्ति अनुभाग की एक रिपोर्ट को भ्रामक और त्रुटिपूर्ण(misleading and erroneous) पाए जाने पर प्रभारी अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, अपर सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रत्येक संदर्भ की निस्तारण रिपोर्ट नियत प्रारूप में निर्धारित समय से कम-से-कम सात दिन पूर्व उपलब्ध कराई जाए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन मामलों में स्थलीय जांच की आवश्यकता होती है, उसमें जांच के समय का फोटोग्राफ रिपोर्ट के साथ अनिवार्य रूप से संलग्न किया जाए। साथ ही, शिकायतकर्ता से संवाद स्थापित कर उसकी बात को रिपोर्ट में शामिल करना भी आवश्यक बताया गया, ताकि शिकायत का समाधान प्रभावी और संतोषजनक हो।
बैठक में यह चेतावनी दी गई कि निर्धारित समयसीमा के भीतर रिपोर्ट न देने या असंतोषजनक निस्तारण करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उदाहरणस्वरूप :
- जोन-01(Shivpur and Sikraul) के ज़ोनल अधिकारी द्वारा आठ मामलों की रिपोर्ट समय पर न देने के कारण उन्हें तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया गया।
- वहीं जोन-03 (chetganj) के अवर अभियंता को एक मामले में भ्रामक रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर तीन दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

बैठक के अंत में अपर सचिव ने दोहराया कि जन शिकायत निवारण प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, ताकि नागरिकों का शासन-प्रशासन पर विश्वास बना रहे।
