Rinku Singh : टीम इंडिया के चमकते सितारे रिंकू सिंह (Rinku Singh) को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। उन्हें बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह सम्मान न केवल उनकी क्रिकेट में शानदार उपलब्धियों का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब रिंकू शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी एक नई भूमिका निभाएंगे।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह नियुक्ति “इंटरनेशनल मेडल विनर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट रूल्स 2022” के तहत की है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सीधे सरकारी सेवा में शामिल करने की अनुमति देता है।
सरकार से मिला खास तोहफा– Rinku Singh
रिंकू सिंह (Rinku Singh) की नियुक्ति पर बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय ने आधिकारिक मुहर लगा दी है। इस नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि रिंकू अब शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। यह एक ऐसा सम्मान है जो मैदान पर उनके प्रदर्शन की सरकारी स्तर पर मान्यता है।
इन जिम्मेदारियों को निभाएंगे Rinku Singh:
- प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना
- शिक्षकों और स्कूल प्रशासन में गुणवत्ता लाना
- बच्चों के लिए सुरक्षित और उत्साहजनक माहौल तैयार करना
संघर्ष की मिसाल: रिंकू सिंह की प्रेरक कहानी
रिंकू का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे रिंकू एक बेहद साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे और घर की आर्थिक स्थिति बेहद कठिन थी। लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद रिंकू ने क्रिकेट को नहीं छोड़ा और इसी जुनून ने उन्हें इंटरनेशनल खिलाड़ी बना दिया।
अब तक उनके रिकॉर्ड कुछ ऐसे हैं:

- 2 वनडे मैचों में 55 रन
- 33 टी20 मुकाबलों में 546 रन
- IPL 2024 में KKR ने उन्हें 13 करोड़ रुपये में रिटेन किया था
- एक बेहतरीन फिनिशर के तौर पर उनकी पहचान बन चुकी है
खेल से शिक्षा तक: युवाओं के लिए मिसाल
रिंकू सिंह की यह नियुक्ति यह साबित करती है कि सरकार सिर्फ खेल में ही नहीं, बल्कि शिक्षा जैसे अहम क्षेत्र में भी खिलाड़ियों की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। रिंकू से पहले भी कुछ खिलाड़ियों को सरकारी पद दिए गए हैं, लेकिन रिंकू की कहानी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने बेहद मुश्किल हालातों से निकलकर यह मुकाम हासिल किया है।